DBMS, इस छोटे से शब्द का महत्व बहुत अधिक है। DBMS सूचना संग्रह प्रणाली का बहुत ही अहम हिस्सा होता है। अगर आप जानना चाहते हैं, की DBMS Kya Hai, किस तरह काम करता है तो आज का यह लेख आपके लिए ही है।
DBMS एक ऐसा सिस्टम है जो कि डेटा को संग्रहित एवं प्रबंधित रखने के लिए उपयोग में आता है। इस लेख DBMS in Hindi के माध्यम से हम DBMS क्या होता है इसके बारे में अधिक विस्तार से जानेंगे।
DBMS क्या है (What is DBMS in Hindi)
DBMS (Database Management System) डेटा को संग्रहित एवं प्रबंधित (store & manage) करने के लिए एक सॉफ्टवेयर है। यह एक विशाल डेटा को संग्रहित करने की क्षमता रखता है एवं आवश्यतानुसार उसे मैनेज करने में भी सहायक होता है।
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में कई तरह के कमांड होते है जिनका उपयोग डेटा स्टोर, बदलने, डिलीट करने एवं अन्य आवश्यक गतिविधियों के लिए किए जाता है।
वर्तमान में कई व्यवसायिक स्थल एवं ऐसे स्थान जहाँ पर किसी भी प्रकार का डेटा रखने की आवश्यकता होती है, वहां डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाता है। खासकर बड़ी कंपनियां जिनमे अधिकांश मात्रा में डेटा स्टोर करना होता है, वहां डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग बहुत आवश्यक ओर अहम होता है।
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम यूजर एवं डेटा के मध्य एक प्रणाली का काम करता है जिससे डेटा को create, एवं मैनेज किया जाता है। DBMS से यूजर यह सुनिशित करता है कि डेटा सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित रहे। समय – समय पर डेटा को अपडेट करने के लिए DBMS बहुत मददगार होता है।
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DBMS का पूरा नाम क्या है (DBMS Full Form in Hindi)
DBMS के बारे में और अधिक जानने से पहले इसकी फुल फॉर्म जानना आवश्यक है। DBMS का पूरा नाम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (Database Management System) है।
फुल फॉर्म पढ़ने के बाद आपको DBMS के बारे में थोड़ा सा तो समझ में आया होगा कि आखिर ये क्या है, अगर नहीं आया तो कोई बात नहीं चलिए DBMS क्या है, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
DBMS का इतिहास क्या है?
वर्तमान में डेटा स्टोरेज एवं इसे मेन्टेन करने के लिए DBMS का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आपको इसके इतिहास के बारे में जानकारी है।
- दोस्तों 1960 में सबसे पहले Charles Bachman ने Integrated Data Store बनाया था। यह नेटवर्क डेटा मॉडल के आधार पर डिज़ाइन किया गया था। इस निर्माण के लिए चार्ल्स बेचमेन को अवार्ड से भी नवाजा गया था।
- साल 1969 के आखिरी तक IBM ने ने अपना Integrated Management System निर्मित कर लिया था। इसका निर्माण hierarchical model पर किया गया था।
- इसके बाद 1970 में Edgar Codd ने Information Management System बनाया। यह रिलेशनल डेटाबेस मॉडल पर निर्मित किया गया था।
- साल 1980 के समय IBM ने structured query language का निर्माण कर लिया था। जिसे बाद में ISO ओर ANSI ने queries के लिए standard language की मान्यता दे दी थी।
- MIcrosoft Windows ने 1991 में microsoft access DBMS को windows में प्रस्तुत किया।
इसके बाद कई तरह के DBMS सॉफ्टवेयर्स का निर्माण हुआ। नई टेक्नोलॉजी ओर इंटरनेट प्रसार के साथ DBMS के क्षेत्र में काफी वृद्धि हो गयी है। वर्तमान में एक DBMS काफी एडवांस हो गया है।
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DBMS कैसे कार्य करता है?
DBMS को इस्तेमाल करने का तरीका अलग हो सकता है परन्तुं इनके काम करने की एक प्रक्रिया होती है। जब भी यूजर डेटा एक्सेस करने के लिए कोई action परफॉर्म करता है तब DBMS यूजर की मांग की पहचान करता है और उसे आवश्यक डेटा उपलब्ध कराता है। DBMS इस बात का ध्यान रखता है कि यूजर को वही डेटा show हो जिसकी उसे Admin द्वारा अनुमति दी गयी है।
DBMS के फंक्शन क्या है (DBMS Functions in Hindi)
DBMS के फंक्शन इसे उपयोगी बनाते हैं। चलिए जानते हैं कि DBMS में क्या फंक्शन होते हैं और यह कैसे काम करते हैं।
1. Data Dictionary Management
डेटा डिक्शनरी DBMS में विभिन्न डेटा और उनसे जुड़े तत्वों को संग्रहित रखती है। एक Data Dictionary में Data Defination ओर relative metadata का संग्रहण शामिल होता है। डेटा डिक्शनरी में डेटाबेस की सम्पूर्ण जानकारी होती है।
इसके अलावा डेटा को कोन access कर सकता है एवं डेटा कहाँ पर स्टोर है ऐसी सभी महत्वपूर्ण जानकारी डेटा डिक्शनरी के माध्यम से पता लगायी जा सकती है।
डेटा डिक्शनरी के भी दो प्रकार होते हैं, जो कि निम्न हैं:-
- Active Data Dictionary
- Passive Data Dictionary
Active Data Dictionary
एक्टिव डेटा डिक्शनरी ओरिजिनल डेटा के साथ जुड़ी होती है, अर्थात यदि डेटा में किसी भी समय किसी भी बिंदु पर कोई भी बदलाव किया जाता है तो वह बदलाव डेटा डिक्शनरी में दिखेगा और डेटा नये बदलाव के साथ Update हो जाएगा।
Passive Data Dictionary
पैसिव डेटा डिक्शनरी एक्टिव डेटा डिक्शनरी की तुलना में ज्यादा उपयोगी नहीं होती है। इसमें स्टोर किया हुआ डेटा डेटाबेस में बदलाव करने पर अपने आप अपडेट नहीं होता है।
2. Data Storage Management
इस फंक्शन का उपयोग सूचना संग्रहण के लिए होता है। इसमें सभी प्रकार का डेटा, कोड, फ़ोटो एवं वीडियो भी स्टोर की जा सकती है।
3. Data Transformation
इस फंक्शन का उपयोग किसी डेटा के फॉर्मेट को एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में बदलने के लिए किया जा सकता है।
4. Security Management
सेक्युरिटी मैनेजमेंट DBMS का एक महत्वपूर्ण फंक्शन होता है। यह निश्चित करता है कि यूजर किस तरह की इनफार्मेशन देख ओर मैनेज कर सकते हैं।
5. Multi customer Access Control
इस फंक्शन के माध्यम से एक ही समय पर एक से अधिक यूजर डेटा को एक्सेस कर सकते हैं। DBMS के लिए यह फंक्शन उपयोगी है।
6. Backup & Recovery Management
बैकअप और रिकवरी एक आवश्यक और महत्वपूर्ण फंक्शन है। इसकी सहायता से आवश्यकता होने पर डेटा को बैकअप एवं रिकवर किया जा सकता है।
7. Data Integrity Management
Data Integrity से मतलब डेटा की accuracy, completeness और reliability से है। यह निश्चित करता है कि डेटा शुद्ध, सम्पूर्ण एवं विश्वसनीय होना चाहिए।
8. Database Access Languages and Application Interface
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के द्वारा भी DBMS में डेटा एक्सेस किया जा सकता है। एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से डेटा एक्सेस करने के लिए यूजर को डेटाबेस को केवल यह बताना होता है कि उसे क्या करना है ना कि कैसे करना है।
9. Database Communication Interfaces
सभी यूज़र्स के DBMS से interaction करने का तरीका और query ढूंढने का तरीका अलग हो सकता है। डेटाबेस कम्युनिकेशन इन्टरफेस यूजर के डेटा खोजने ओर उसे उपलब्ध कराने के तरीके को आसान बनाता है।
10. Transaction Management
ट्रांसेक्शन मैनेजमेंट एक डेटाबेस आपरेशन की सीरीज होती है। एक DBMS में यह फंक्शन अवश्य होना चाहिए ताकि सभी transaction ओर उनसे जुड़ी जानकारी अपडेटेड रहे।
DBMS के प्रकार क्या है (Types of DBMS in Hindi)
DBMS के मुख्यत: चार प्रकार होते हैं। DBMS के प्रकारों को हम निम्न रूप में समझ सकते हैं।
1. Relational database Management System
Relational Database Management System को शार्ट फॉर्म में RDBMS कहा जाता है। RDBMS में डेटा को row और column के structure में बनाया जाता है। RDBMS में डेटा टेबल फॉर्म में होता है, जिससे एक यूजर के लिए इसे समझना आसान हो जाता है।
2. Object-oriented database Management System
Object oriented database managemnet system को OODBMS भी कहा जाता है। इसमें डेटा को ऑब्जेक्ट्स के रूप में दर्शाया जाता है। इस प्रकार के डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में कम कोड की आवश्यकता होती है एवं इसे इस्तेमाल करना भी आसान होता है।
3. Hierarchical database Management System
hirearchical database model में डेटा Tree Structure में होता है। Tree Structure का मतलब इसमें एक डेटा element के एक से अधिक रिलेशन होते हैं। इस डेटाबेस मॉडल में एक पैरेंट रिकॉर्ड के एक से अधिक child record हो सकते हैं, पर यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि चाइल्ड रिकॉर्ड का पैरेंट रिकॉर्ड एक ही होना चाहिए।
इसका एक आसान सा उदहारण एक कंप्यूटर फोल्डर से समझ सकते हैं, जिसमे एक फोल्डर के अंदर कई फाइल्स होती है परंतु उन सभी फ़ाइल का फोल्डर एक ही होता है।
4. Network database Management System
Network Database मॉडल भी Hierarchical Model के समान होता है परंतु इसमें चाइल्ड रिकॉर्ड के एक से अधिक पैरेंट रिकॉर्ड होते हैं। नेटवर्क डेटाबेस मॉडल को ग्राफ के रूप में दर्शाया जा सकता है। इसमें डेटा रिकार्ड्स और उनके मध्य रिलेशन को दर्शाया जाता है।
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DBMS के कॉम्पोनेंट्स क्या है (Components of DBMS in Hindi)
सभी Database Management System में जरूरत के अनुसार अलग तरह के components हो सकते हैं। यहां पर हम कुछ चुनिंदा DBMS Components के बारे में बात करेंगे जो कि अधिकतर DBMS में इस्तेमाल किये जाते हैं।
1. Storage engine
स्टोरेज इंजन DBMS का एक मुख्य भाग होता है। यह सिस्टम में डेटा स्टोर करने का काम करता है। डेटाबेस इंटरेक्शन की हर एक्टिविटी स्टोरेज इंजन के जरिये गुजरती है।
2. Query language
एक DBMS एक या अधिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सपोर्ट कर सकता है, जिसका उपयोग डेटाबेस एक्सेस करने के लिए किया जा सकता है। Query Language की मदद से डाटाबेस में डेटा create, और retrive कर सकते हैं। ज्यादातर DBMS में SQL Programing Language का इस्तेमाल किया जाता है।
3. Query processor
Query Processor यूजर ओर डेटाबेस के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। query processor यूजर के interaction को क्रियान्वित करता है, एवं उचित डेटा उपलब्ध कराता है।
4. Optimization engine
Optimization Engine DBMS की performance को और बेहतर बनाने का काम करता है।
5. Metadata catalog
Metadata Catalog में DBMS में संग्रहित Objects का meta data स्टोर होता है। जब भी एक object क्रिएट किया जाता है तो उसका मेटाडाटा कैटलॉग में स्टोर हो जाता है।
6. Log manager
Log Manager एक महत्वपूर्ण component है। यह यूज़र्स द्वारा किये लॉगिन और उनकी एक्टिविटी की जानकारी रखता है।
7. Reporting and monitoring tools
Reporting और Monitoring टूल्स यूज़र्स को डेटा रिपोर्ट जेनेरेट करने की सुविधा प्रदान करते हैं और इसके साथ ही मॉनिटरिंग टूल की मदद से यूजर एक्टिविटी, और डेटाबेस की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
एक DBMS में और भी कई additional componenets हो सकते हैं।
DBMS की विशेषताऐं क्या है (Characteristics of DBMS in Hindi)
- डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम हर तरह का डेटा स्टोर करने में सक्षम होता है।
- डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम एक समय पर कई यूज़र्स को डेटाबेस एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करता है।
- DBMS में यूज़र्स के डेटा को सुरक्षित रखने और जरूरत पड़ने पर बैकअ और रिस्टोर करने की विशेषता होती है।
- यह यूजर को query language के जरिये डेटा insert, update, delete एवं retrieve करने की सुविधा प्रदान करता है।
DBMS के फायदे क्या है?
अभी तक आपको DBMS क्या है और इसके फ़ंक्शन आदि की जानकारी तो मिल गयी हैं क्या आपको अंदाजा है कि DBMS किस तरह से डेटाबेस मैनेजमेंट में फायदेमंद होता है। चलिए जानते हैं, DBMS के फायदे क्या है।
- DBMS की मदद से डेटा को स्टोर करना ओर एक्सेस करना बहुत आसान हो जाता है।
- डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम डेटा को स्टोर करने के साथ सिक्योरिटी भी प्रदान करता है।
- DBMS में डुप्लीकेट डेटा स्टोर नहीं होता, इससे यदि कोई डेटा डबल बार आ जाता है तो उसका पता लग जाता है।
- एक साथ एक से अधिक यूजर DBMS पर कार्य कर सकते हैं, क्योंकि यह मल्टीयूज़र की सुविधा उपलब्ध कराता है।
- DBMS Query Language allow करता है,जजिससे डेटाबेस के साथ Interaction करना आसान हो जाता है।
- DBMS डेटा backup & recovery की सुविधा प्रदान करता है जिससे यदि कभी डेटा में error या फैलियर होता है तो backup data को recover किया जा सकता है।
DBMS के नुकसान क्या है?
जिस प्रकार हर चीज़ के फायदे के साथ नुकसान भी होता है वैसे ही DBMS के भी कुछ नुकसान हैं। चलिए जानते है कि DBMS के नुकसान क्या है।
DBMS Software & Hardware Cost
DBMS का सबसे पहला संभावित नुकसान यह है कि इसके हार्डवेयर ओर सॉफ्टवेयर की लागत अधिक होती है। डेटाबेस मैनेजमेंट के लिए यूजर को हाई मेमोरी ओर एक अच्छे प्रॉसेसर की आवश्यकता होती है। DBMS सॉफ्टवेयर की लागत भी अधिक होती है।
प्रशिक्षण लागत
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को इस्तेमाल करने के लिए यूजर को Training की जरूरत पड़ती है। इसलिए DBMS सॉफ्टवेयर के साथ ट्रेनिंग का खर्चा भी शामिल हो जाता है।
बड़ा डेटा साइज
कई बार अधिक डेटा स्टोर करने पर DBMS में समस्या आ सकती है, तो यह भी इसका एक नुकसान है।
Technichal Team की जरूरत
डेटाबेस मैनेजमेंट के लिए technical team की आवश्यकता भी होती है। DBMS में आने वाली कई समस्या एक non-technical व्यक्ति नहीं समझ सकता इसके लिए एक tech team को काम पर रखने की आवश्यकता पड़ती है, यह व्यवसाय की लागत को बढ़ाता है।
Database Failure
DBMS में एक व्यवसाय का पूरा डेटा स्टोर होता है लेकिन कई बार डेटाबेस फैलियर की वजह से व्यवसाय को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यह एक बहुत बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए बैकअप और रिकवर जैसे फंक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
DBMS के बारे में अन्तिम राय
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में इस लेख DBMS in Hindi से आपको अवश्य कुछ सीखने को मिला होगा। उम्मीद है अब आपको समझ आ गया होगा कि DBMS क्या है और इसका क्या मतलब होता है। अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप निसंदेह कमेंट करके हमसे साझा कर सकते हैं।
FAQ: DBMS से जुड़े सवाल-जवाब
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DBMS की फुल फॉर्म क्या है?
DBMS की फुल फॉर्म “Data Base Management System” होती है।
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DBMS क्या काम आता है?
DBMS किसी डिवाइस में डेटा संग्रहित करने और उसे मैनेज करने में सहायक होता है।