अगर आप कम्प्युटर का उपयोग करते हैं, तो आपको UPS के बारे में जानकारी अवश्य ही होगी। लेकिन अगर आप एक कम्प्युटर यूजर हैं और फिर भी यूपीएस के बारे में नहीं जानते हैं, तो यह बेहद आवश्यक है, कि आपको UPS क्या है, और यह कैसे काम करता है इसके बारे में जानकारी हो।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको यूपीएस के बारे में सारी जानकारी देंगे कि यूपीएस क्या होता है (UPS Kya Hota Hai In Hindi), UPS Full Form in Hindi, Types of UPS In Hindi, Functions Of UPS In Hindi आदि तो आर्टिकल को आखिरी तक ध्यान से पढ़ें। आइये अब जानते है कि UPS Kya Hai Hindi और UPS का पूरा नाम क्या है (UPS Full Form in Hindi)
UPS क्या है ? (What Is UPS In Hindi)
Uninterruptible Power Supply (UPS) एक हार्डवेयर डिवाइस है। यह एक तरह का Battery Backup होता है। इसमें एक बैटरी होती है, जो कि अचानक बिजली चली जाने पर कम्प्युटर को पॉवर सप्लाई करती है। कभी-कभी ऐसा होता है, कि आप कंम्प्युटर पर काम कर रहे हो और अचानक लाइट चली जाए तो आपका कम्प्युटर भी बन्द हो जाता है, साथ ही आपकी फाइलें और डॉक्युमेंट्स भी सेव करे बिना रह जाते हैं।
इसके अलावा हो सकता है कि आपका जो डाटा रहता है, वो भी करप्ट हो जाए या फिर आपकी हार्डडिस्क भी खराब हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपके कम्प्युटर को एक अबाधित विद्युत आपूर्ति (Untripped Power Supply) की आवश्यकता होती है, जो कि ups के द्वारा एक कम्प्युटर को मिलती है। UPS कम्प्युटर को 20 से 40 मिनट तक पॉवर दे सकता है, तब तक आप अपने फाइलों व डॉक्यूमेंट्स को सेव कर सकते हैं और कम्प्युटर को सही तरीके से बंद भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले UPS को चार्ज करना होता है।
UPS को चार्ज करने के लिए आपको इसे कम्प्युटर से कनेक्ट करके इसका switch on करना होता है। फिर अगर आप कम्प्युटर चला रहे हो और अचानक लाइट चली जाती है, तब यह आपके कम्प्युटर को पॉवर सप्लाई करके अपना काम करता है। यदि आपके घर में भी बिजली के कम या ज्यादा वोल्टेज की सप्लाई की दिक्कत होती है, तो आपको कम्प्युटर चलाते समय UPS का उपयोग जरूर करना चाहिए। क्योंकि UPS इसे कंट्रोल करने का भी कार्य करता है।
UPS का हिन्दी अर्थ क्या है ? (Meaning of UPS in Hindi)
UPS को हिन्दी में “अबाधित विद्युत आपूर्ति” कहते है।
UPS की फुल फॉर्म क्या है ? (UPS Full Form in Hindi)
UPS की फुल फॉर्म “Uninterruptible Power Supply” होती है।
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यूपीएस के उपयोग क्या-क्या है ?
UPS के उपयोग (use of ups) का मुख्य उद्देश्य बिजली के अचानक चली जाने पर आपके सिस्टम को बैकअप प्रदान करके उसे चालू रखना होता है, ताकि आपके सिस्टम और उसके डाटा को जो कि उसमें पहले से सेव है या जो अभी तक अपने सेव नहीं करा है, उसको बिजली की अनियमितता से होने वाली कई बड़ी हानियों से जिनमें अधिक लागत भी लगती सकती है, से बचाता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि अपने कई घंटे तक काम करके कोई प्रोजेक्ट पूरा करा और अचानक लाइट चली जाए और आपने उस डाटा या प्रोजेक्ट को जो अपने कई घंटों मेहनत करके पूरा करा सेव भी नहीं करा तो ऐसी स्थिति में आपकी सारी मेहनत व्यर्थ चली जाएगी।
लेकिन अगर आप यूपीएस का उपयोग (use of ups) करते हैं, तो ऐसी स्थिति में यूपीएस आपके सिस्टम को प्रॉपर रूप से बैकअप प्रदान करके आपको इतना समय देता है, कि आप अपने कार्य को सेव कर सके और साथ ही सही ढंग से अपने सिस्टम को ऑफ कर सकें।
इसके अलावा यह बिजली की अनियमितता के कारण कम्प्युटर में होने वाली समस्याओं जेसे वोल्टता-नियंत्रण, आवृत्ति-नियंत्रण, शक्ति गुणांक वर्धन आदि से सुरक्षा प्रदान करना है। इसके अलावा यह बिजली की गुणवत्ता को बेहतर करके उपकरण को बिजली की आपूर्ति करता है। इस तरह की परिस्तिथियों से बचने के लिए यूपीएस की आवश्यकता पड़ती है।
यूपीएस के कार्य क्या होते हैं ? (Functions Of UPS)
यूपीएस के मुख्य कार्य नीचे बताए गए है।
- अचानक पाॅवर कट होने की स्थिति में कम्प्युटर को बैकअप देता है।
- वोल्टेज की अनियमितता जेसे कभी कम वोल्टेज का आना या कभी ज्यादा वोल्टेज को स्थिर वोल्टेज में परिवर्तित कर बिजली की आपूर्ति करना।
- शॉर्ट सर्किट से सुरक्षा प्रदान करता है।
- गंभीर स्थितियों में अलार्म के द्वारा सूचना प्रदान करता है।
- विद्युत की अस्थिरता से होने वाली अन्य कई प्रकार की क्षति से सिस्टम के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर एवं डेटा को सुरक्षित रखता है।
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UPS के भाग क्या है ? (Parts of UPS In Hindi)
वैसे तो UPS के कई सारे भाग (parts) होते हैं, इनमें से कुछ मुख्य पार्ट्स होते है और कुछ वैकल्पिक जो कि अलग-अलग प्रकार के UPS में पाए जाते हैं। यहां हम आपको UPS के सभी भागों के बारे में बताएंगे, तो चलिए देखते हैं, कि UPS में कौन-कौन से पार्ट्स होते है?
1. Rectifier (रेक्टिफायर)
रेक्टिफायर UPS के मुख्य पार्ट्स में से एक हैं। यह एक विद्युत उपकरण है, जो कि प्रत्यावर्ती धारा (AC) को एकदिश धारा (DC) में परिवर्तित करने का कार्य करता है। इसके अलावा यह बैटरी को चार्ज करने का भी काम करता है। रेक्टिफायर सर्किट में लगा होता है, यह वही से बिजली के वोल्टेज को कंट्रोल करके आपके सिस्टम में ओवरलोड और बफरिंग होने से भी बचाता है। वैसे तो रेक्टीफायर्स के और भी कई सारे उपयोग हैं, लेकिन इसका महत्वपूर्ण कार्य आपके घर पर में आने वाली बिजली को अल्टरनेटिव कंरट (AC) को डायरेक्ट कंरट (DC) में परिवर्तित करना और बैटरी चार्ज करना होता है।
2. Battery (बैटरी)
बैटरी UPS का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि UPS का कार्य कम्प्युटर को बैकअप देना है और इसके लिये बैटरी में ही पॉवर स्टोर होता है। रेक्टिफायर द्वारा बिजली के वोल्टेज को AC से DC में बदलने के बाद पॉवर बैटरी में सेव होता है। कई बार ऐसा होता है, कि कम्प्युटर चलाते समय अचानक बिजली चली जाती है, तो ऐसी स्थिति में यह बैटरी आपके सिस्टम को बैकअप देती है। इससे आपको अपनी फाइल्स सेव करके अपने सिस्टम को सही तरीके से बन्द करने का समय मिल जाता है। UPS में जितनी अधिक बैटरी होगी वह आपके सिस्टम को उतना ही ज्यादा बैकअप देगी।
3. Inverter (इन्वर्टर)
इन्वर्टर भी UPS का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। यह रेक्टिफायर के बिल्कुल उलट काम करता है। यह Direct current (DC) को alternativel current (AC) में परिवर्तित करता है। इन्वर्टर डायरेक्ट कंरट को frequency के साथ अल्टरनेटिव कंरट (AC) में परिवर्तित करके regulate और filter करके आपके सिस्टम में लोड कर देता है।
4. Static Switch or Contactor
इसे Transfer Switch या Bypass Switch के नाम से भी जाना जाता है। हर CPU में इस प्रकार का एक स्विच होता है, जो कि पॉवर को आगे की ओर ट्रान्सफर करता है।
5. Transformer (ट्रांसफार्मर)
ट्रांसफार्मर ups भी का भाग है, लेकिन कई ups बिना ट्रांसफार्मर के भी होते है। यह आपके सिस्टम को चलाने के लिए उसकी आवश्यकतानुसार बिजली की सप्लाई करता है। ट्रांसफार्मर ups में बिजली की सप्लाई का वोल्टेज को कम और बढ़ाने का काम करता है। ट्रांसफार्मर बैट्री से लेकर पॉवर लेकर आपके सिस्टम को ट्रांसफार करता है।
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UPS के प्रकार क्या होते हैं ? (Types of UPS In Hindi)
यूपीएस को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। आइए जानते हैं कि इनकी बनावट कैसी होती है, यह किस प्रकार कार्य करते हैं और इनके लाभ और हानि क्या है?
1. Offline UPS
Offline ups को standby ups भी बोला जाता है। ऑफलाइन यूपीएस में यूपीएस की बैटरी बाहर की ओर लगी होती है। ऑफलाइन यूपीएस में मैन पावर स्टैटिक ट्रांसफर स्विच के माध्यम से सीधे आउटपुट से जुड़ा होता है, जो सामान्य रूप से चालू होता है। जब पॉवर उपलब्ध होता है, बैकअप बैटरी बैंक डीसी द्वारा एक चार्जर इकाई के माध्यम से चार्ज किया जाता है जिसमें एक रेक्टिफायर सर्किट होता है। इसमें स्विचिंग का टाइम 5ms होता है, जो कि आपके सिस्टम को ऑफ होने से पहले उसको इन्वर्टर के जरिये बिजली की आपूर्ति करके उसे बैकअप देता है। offline UPS अर्थात Standby UPS दो प्रकार के होते है।
Standby UPS
जब तक आपके सिस्टम को इसकी आवश्यकता नहीं होती है, यह UPS अनिवार्य रूप से एक स्टैंडबाय मोड पर रहता है, इसलिए इसे Standby UPS कहा जाता है। Standby UPS को ऑफ-लाइन यूपीएस भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल कम्प्युटर पर्सनल कम्प्यूटर में किया जाता है। अगर आप कम्प्युटर चला रहे हैं और किसी कारण आपका मैन पॉवर बन्द हो जाता है, तो यह UPS आपके कम्प्युटर को बैकअप के रूप में पॉवर सप्लाई करता है। इसके लिए पहले आपको इस UPS को चार्ज करना होता है। अन्य प्रकार के UPS की अपेक्षा यह यूपीएस काफी सस्ता होता है और जगह भी कम घेरता है।
Standby Ferro UPS
स्टैंडबाई-फेरो यूपीएस एक समय बहुत ज्यादा काम आने वाला UPS था, जो कि 3-15kVA (वोल्ट-एम्पियर) के लिए उपयोग किया जाता था। इस UPS में तीन वाइंडिंग (बिजली कनेक्शन) होते हैं, जो कि मुख्य बिजली आपूर्ति एसी इनपुट से होते हुए ट्रांसफर स्विच के माध्यम से ट्रांसफार्मर तक और फिर आउटपुट में आती है। अगर आपका बिजली कनेक्शन कट हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में ट्रांसफर स्विच ऑन किया जाता है, और फिर इन्वर्टर आउटपुट को बैकअप देता है। यह यूपीएस अन्य यूपीएस की अपेक्षा बड़े और भारी होते हैं। यह भी स्टैंडबाय-फेरो टोपोलॉजी के अधीन काम करता है।
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ऑफलाइन यूपीएस के लाभ (Advantages of Offline UPS)
- ऑफलाइन यूपीएस में चार्जर लगातार चालू नहीं रहता है, इसलिए यह उच्च क्षमता वाले होते हैं।
- ऑफलाइन यूपीएस अन्य यूपीएस की तुलना में सस्ता होता है।
- अन्य यूपीएस इकाइयों की अपेक्षा ऑफलाइन यूपीएस में लोड उठाने की क्षमता अधिक होती है।
- आंतरिक नियंत्रण ऑफ़लाइन निर्बाध विद्युत आपूर्ति में सरल है।
- ऑफलाइन यूपीएस का आंतरिक डिजाइन बिल्कुल सरल होता है।
- यह छोटे आकार के होते हैं।
ऑफलाइन यूपीएस की कमियाँ (Drawbacks of Offline UPS)
- ऑफलाइन यूपीएस का उपयोग करने से आपको आउटपुट में वोल्टेज स्पाइक्स, ब्राउनआउट्स, ब्लैकआउट्स जेसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- साधन आपूर्ति विफल होने पर इन्वर्टर से बैकअप प्राप्त होने में थोड़ा समय लगता है।
- यह पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है।
2. Online UPS
ऑनलाइन यूपीएस को हम परफेक्ट Uninterrupted Power Supply भी कह सकते है। इस तरह के यूपीएस का उपयोग करने से आप पावर सप्लाई फैल होने, सर्ज हो या स्पाइक, वोल्टेज फ्लक्चुएशन जेसी कई सारी समस्याओं से बचा जा सकता है। ऑनलाइन यूपीएस में ऑफलाइन यूपीएस की तरह मेन प्लग से आउटपुट जुड़ा हुआ नहीं रहता बल्कि रेक्टिफायर और इन्वर्टर के संयोजन के माध्यम से एसी की आपूर्ति करता है। साथ ही यह बैटरी को चार्ज करने का भी काम करता है। यदि कोई रुकावट होती है, तो फिर रेक्टिफायर काम करना बंद कर देता है और आपके सिस्टम को बैटरी बैंक से जो कि पहले से ही इन्वर्टर से जुड़ा होता है, बैकअप प्रदान करता है।
इस प्रोसेस के लिए समय भी नहीं लगता। फिर भी यदि यूपीएस में इंटरनल कोई खामी आती है तो इसके लिए इस प्रकार के यूपीएस में बाईपास स्विच भी रहता है, ऐसी स्थिति में लोड बाईपास स्विच पे चला जायेगा और ब्रेक डाउन नहीं होगा। ऑनलाइन यूपीएस ऑफलाइन यूपीएस की तुलना में महँगे होते हैं। Online UPS मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।
A. Standby Online Hybrid UPS
स्टैंडबाय ऑनलाइन हाइब्रिड यूपीएस आपके कम्प्युटर सिस्टम की डिमांड पर दोहरे रूपांतरण करता है। इस UPS को online UPS भी कहा जाता हैं। यह उच्च ऊर्जा दक्षता वाला यूपीएस होता है, लेकिन इसमें बैटरी चार्जर का साईज Line Interactive UPS की अपेक्षा काफी छोटा होता है। इसका साईज Stand By UPS की तरह ही होता है। स्टैंडबाई ऑन-लाइन हाइब्रिड 10kVA (वोल्ट-एम्पियर) के तहत UPS में उपयोग कि जाने वाली एक टोपोलॉजी है, जो कि अधिकांश यूपीएस में काम ली जाती है। इस UPS की परिचालन लागत लाइन-इंटरएक्टिव यूपीएस की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि इसकी बैटरी को लगभग हर पाँच साल में बदलना पड़ता है।
B. Double Conversion Online UPS
इस यूपीएस में अन्य यूपीएस की अपेक्षा एक पंक्ति ओर होती है, जो कि सिस्टम के Surge protector से जुड़ी होती है, जिसके माध्यम से बिजली भी बिजली प्रवाहित हो सकती है, इसीलिए इसे डबल या दोहरा रूपांतरण ऑनलाइन यूपीएस प्रणाली कहा जाता है। यह उपकरण AC पॉवर को DC पॉवर में कनवर्ट करता है और फिर पॉवर को इक्विपमेंट तक पहुंचने से पहले DC को AC में फिर से कन्वर्ट करता है। जिसका काम मुख्य रूप से बिजली के उतार-चढ़ाव से आपके कम्प्युटर को प्रोटेक्ट करना होता है। इसके साथ यह आपको ब्राउनआउट्स, लाइन शोर, वोल्टेज ट्रांसजेंडर्स और पावर आउटेज जैसी घटनाओं से होने वाले बड़े खर्चो से बचाता है। यह 10kVA (वोल्ट एम्पीयर) के लिए उपयोग किया जाता है। ऑनलाइन रूपांतरण यूपीएस सिस्टम उन यूजर्स के लिए अच्छा विकल्प है, जो ऐसे क्षेत्र से हैं, जहाँ बिजली की कटौती ज्यादा होती हो।
C. Delta Conversion Online UPS
Double Conversion Online UPS की खामियों को दूर करके एक नयी टेक्नोलॉजी का यूपीएस बनाया गया, जिसे डेल्टा कन्वर्शन ऑनलाइन यूपीएस नाम दिया गया। जो कि 5kVA से 1 MW की रेंज के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। डेल्टा इनवर्टर ऑनलाइन यूपीएस में दो मुख्य घटक डेल्टा इन्वर्टर और डेल्टा ट्रांसफार्मर होते हैं, जो कि इसे पारंपरिक डिज़ाइन के अन्य यूपीएस की तुलना में भौतिक रूप से भिन्न बनाते हैं।
डेल्टा रूपांतरण ऑनलाइन यूपीएस में एक वर्तमान-नियंत्रित IGBT पल्स चौड़ाई मॉड्यूलेटर (PWM)डेल्टा इन्वर्टर है। यह इन्वर्टर प्रमुख रूप से दो कार्य करता है। पहला यह एक सक्रिय फ्रंट एंड पावर है, जो वोल्टेज के वर्तमान परिमाण और तरंगों के आकार को कंट्रोल करने का कार्य करता है। दूसरा, डेल्टा इन्वर्टर एसी वोल्टेज को चार्जिंग के लिए उपयुक्त डीसी वोल्टेज में परिवर्तित करके यूपीएस की बैटरी चार्ज करने का कार्य भी करता है।
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ऑनलाइन यूपीएस के फायदे (Advantages of Online UPS)
- ऑनलाइन यूपीएस आपके सिस्टम को उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
- ऑनलाइन यूपीएस में इन्वर्टर हमेशा चालू रहता है, इस कारण इसमें आपूर्ति का स्थानांतरण समय शून्य होता है।
- आपूर्ति का स्थानांतरण समय शून्य होने के कारण आपूर्ति के समय आउटपुट में होने वाली ब्राउनआउट, ब्लैकआउट, स्पाइक्स जैसी सभी समस्याएं नहीं होती है।
- वोल्टेज विनियमन काफी अच्छा है।
ऑनलाइन यूपीएस की कमियाँ (Drawbacks of Online UPS)
- अन्य यूपीएस की तुलना में अधिक महंगे होते हैं।
- ऑनलाइन यूपीएस में इन्वर्टर हमेशा चालू रहता है, जिससे कि इसकी समग्र क्षमता कम हो जाती है।
- इन्वर्टर चालू रहने के साथ-साथ ही इसमें बैटरी भी चार्ज होती है, जिससे कि रेक्टिफायर की वाट क्षमता भी बढ़ जाती है।
- अन्य यूपीएस की अपेक्षा ऑनलाइन यूपीएस कई गुना ज्यादा हिट प्रोड्यूस करता है।
- इनका आकार भी अन्य यूपीएस की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है।
3. Line Interactive UPS
Line Interactive UPS Standby UPS की अपेक्षा बिल्कुल अलग होता है। लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस हाई और लॉ वोल्टेज के समय आपके सिस्टम को प्रॉपर वोल्टेज प्रदान कराता है। यह UPS दो तरह से कार्य करता है। जब इसका मैन स्विच ऑन होता है, तो यह बैटरी चार्ज करता है, और साथ ही वोल्टेज को Regulate करने का काम भी करता है। इसके उल्ट जब इसका पॉवर ऑफ होता है, तो यह नॉर्मल इन्वर्टर के रूप में कार्य करता है। वेसे तो अधिकतर लाइन इंटरएक्टिव सामान्य रूप से एक ही शक्ति पथ होता है, लेकिन इस प्रकार के कुछ यूपीएस मे दोहरे रूपांतरण की भी क्षमता होती है। लाइन-इंटरएक्टिव यूपीएस स्टैंडबाय यूपीएस की तुलना में अधिक महंगे होते हैं, लेकिन ऑन-लाइन यूपीएस से सस्ते होते हैं।
लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस के फायदे (Advantages of Line Interactive UPS)
- एक लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस में वो सभी विशेषताएं पाई जाती है, जो कि किसी ऑफलाइन यूपीएस सिस्टम में पाई जाती है। इसके अलावा इसमें स्वचालित वोल्टेज नियामक (AVR) जेसे अन्य फीचर भी शामिल होते है, जो कि इसे एक बेहतरीन यूपीएस बनाते हैं।
- यह यूपीएस ऑनलाइन व ऑफलाइन यूपीएस की तुलना में सादा डिजाइन के और कम लागत वाले होते है।
- लाइन इंटरेक्टिव यूपीएस सिस्टम उन स्थानों के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हैं जहां बिजली आपूर्ति, सेग्स और सर्गस से सम्बन्धित अधिक समस्याएं होती है।
- लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस में लोड ट्रांसफर का समय 4 मिलीसेकंड से भी कम होता है।
- अन्य यूपीएस की तुलना में यह यूपीएस कम हिट प्रोड्यूस करते है।
- यूपीएस की यह इकाई अत्यधिक विश्वसनीय है।
- अन्य यूपीएस की अपेक्षा इनका परिचालन जीवन अधिक लम्बा होता है।
लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस की कमियाँ (Drawbacks of Line Interactive UPS)
- यह आकार में बडे होते हैं।
- आवृत्ति विनियमन प्रदान नहीं करते।
- इस यूपीएस में लगातार बैटरी का उपयोग होता रहता है।
- बिजली अनियमितताओं से पूर्ण सुरक्षा प्रदान न करना।
ऑफलाइन यूपीएस, ऑनलाइन यूपीएस और लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस में अन्तर
जेसा कि हमने आपको बताया यूपीएस के तीन प्रकार है, इन तीनों में कई असमानताएं है, जो कि नीचे बताई गई है। आइये जानते है कि ऑफलाइन यूपीएस, ऑनलाइन यूपीएस और लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस में क्या-क्या असमानताएं है।
दक्षता
ऑफलाइन यूपीएस की उच्च दक्षता की 95% – 98%, ऑनलाइन यूपीएस उच्च दक्षता की 90% – 96% तक जबकि लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस सबसे कम दक्षता 80% – 90% प्रदान करने वाला होता है।
लागत
ऑफलाइन यूपीएस और ऑनलाइन यूपीएस की लागत कम होती है जबकि लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस की लागत इनकी तुलना में अधिक होती है।
सुरक्षा
ऑफलाइन यूपीएस ब्राउनआउट, बिजली अनियमितता के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। इसी प्रकार ऑनलाइन यूपीएस भी सभी प्रकार की समस्याओं से रक्षा करने में सक्षम नहीं होते हैं जबकि लाइन इंटरएक्टिव यूपीएस बिजली अनियमितता के खिलाफ उच्चतम सुरक्षा प्रदान करते हैं।
क्षेत्र
ऑफलाइन यूपीएस का उपयोग व्यक्तिगत रूप से (घरेलू उपयोग) और छोटे कार्यालय में किया जाता है। इसी प्रकार ऑनलाइन यूपीएस का उपयोग छोटे और मध्यम व्यवसाय या कार्यालय जैसे क्षेत्रों में किया जाता है जबकि इंटरएक्टिव यूपीएस का उपयोग बड़े कार्यालयों जेसे – बैंकिंग, टेलीकॉम, परिवहन, संचार आदि क्षेत्रों में किया जाता है।
UPS के फायदे क्या है ? (Advantages of UPS)
- UPS का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें पॉवर कट होने के बाद यह आपके कम्प्युटर को बैकअप देता है, जिससे कि आपका कम्प्युटर अचानक बन्द नहीं होता।
- यूपीएस आपके डेटा को भी सुरक्षित रखता है। पाॅवर कट होने की स्थिति में आपको अपने डॉक्युमेंट्स सेव करने का भी टाइम मिल जाता है। इसके साथ ही आपका डेटा करप्ट होने से भी बचाता है।
- यह आपके कम्प्युटर को बिजली के ज्यादा या कम वोल्टेज को कंट्रोल करके उससे होने वाले बड़े नुकसान से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह एक प्रकार का Emergency Power Source है। आपके घर की बिजली चली जाने पर आप इसे एक इन्वर्टर के रूप में भी काम ले सकते हैं।
- अचानक पॉवर कट हो जाने के कारण कई बार आप अपने द्वारा करा गया कार्य, डेटा या फाइल्स सेव नहीं कर पाते हैं, तो आपको उसी कार्य को वापस करना पड़ सकता है। लेकिन यूपीएस की वजह से आप अपने काम को आराम से सेव कर सकते हैं। इस तरह से आपका समय भी बचता है और वापस मेहनत भी नहीं करनी पड़ती।
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यूपीएस और इन्वर्टर में क्या अन्तर है ?
यूपीएस का उपयोग किसी विशेष उपकरण जेसे कम्प्युटर, स्कैनर, प्रिंटर को बैकअप प्रदान करने के लिए किया जाता है। यूपीएस केबल के माध्यम से सीधे उपकरण से जोड़ा जाता है। जबकि इन्वर्टर का उपयोग बिजली कटौती होने पर घरेलू उपकरणों जेसे लाइट, पंखे, फ्रीज आदि को चलाने के लिए करा जाता है। यह घर के मेन स्विच से कनेक्ट रहता है। यूपीएस बिजली कटौती होते ही कुछ ही माइक्रोसेकंड में अपना काम करना शुरू कर देता है यह समय बेहद कम होता है, आपका कम्प्युटर बन्द होने से पहले ही यूपीएस उसे बैकअप प्रदान करना शुरू कर देता है।
जबकि इन्वर्टर इस कार्य को करने में थोड़ा अधिक समय लगाता है, इस अन्तराल में आपके घरेलू उपकरण कुछ सेकंड के लिए बन्द हो जाते है और फिर जब कुछ समय बाद इन्वर्टर अपना कार्य करना शुरू करता है, तो वह वापस से अपना कार्य करने लग जाते है। यूपीएस कम लोड उठाते हैं और साथ ही इनकी कीमत भी कम होती है। वहीँ इन्वर्टर यूपीएस की तुलना में अधिक लोड उठाने की क्षमता रखते हैं और इनकी कीमत भी ज्यादा होती है। इन सभी के अलावा यूपीएस और इन्वर्टर के मध्य ओर भी कई सारी असमानताएं है, जो कि आपको उनके आधार पर नीचे बताई गई है।
उपयोग
यूपीएस का उपयोग किसी विशेष उपकरण के लिए किया जाता है, जेसे – कम्प्युटर, प्रिन्टर या स्कैनर वहीँ इन्वर्टर का उपयोग घर में उपयोग कि जाने वाली बिजली की मेन सप्लाई और मेन स्विच बोर्ड पर किया जाता है।
लोड ट्रान्सफर टाइम
लोड ट्रान्सफर टाइम यह तुरन्त बैकअप प्रदान करता है। इसमें किसी प्रकार का कोई भी Time Lag या समय अंतराल नहीं होता। जबकि इन्वर्टर कुछ माइक्रोसेकंड का समय लेता है। जब मेन सप्लाई बंद होती है, तो कुछ समय के लिए पॉवर बन्द हो जाता है और कुछ सेकंड के अंतराल के बाद इन्वर्टर से लोड ट्रांसफर होता है जिससे लाइट की अपूर्ति होती है।
प्रकार
यूपीएस तीन प्रकार के होते हैं – ऑफलाइन, ऑनलाइन और लाइन इंटरएक्टिव जबकि इन्वर्टर दो प्रकार के होते हैं – स्टैंडबाय इन्वर्टर और ग्रिड टाई इन्वर्टर।
बैकअप
यूपीएस 15 से 40 मिनट तक की अवधि के लिए बैकअप दे सकता है लेकिन इन्वर्टर 6 से 7 घंटों तक बैकअप दे सकता है।
वोल्टेज
वोल्टेज यूपीएस में Automatic Voltage Regulation (AVR) का उपयोग किया जाता है इसीलिए इसकी आउटपुट लगभग 220 Volts पर सेट की जाती है लेकिन इनवर्टर में आउटपुट और इनपुट दोनों पर निर्भर करती है, जो कि लगभग 230 Volts के करीब होती है।
कीमत
कीमत यूपीएस की कीमत 1500 के लगभग से शुरू हो जाती है, वहीँ इन्वर्टर की कीमत 8000 से 10000 के लगभग से शुरू होती है।
बैटरी का जीवनकाल
यूपीएस की बैटरी 2 या 3 साल बाद बदलनी पड़ती है जबकि इन्वर्टर की बैटरी आपको 2 साल बाद ही बदलनी पड़ती है और साथ ही साथ इसमें बीच बीच में पानी भी भरना पड़ता है।
क्षमता
यूपीएस ज्यादा लोड उठाने की क्षमता नहीं रखता है इससे केवल कोई किसी विशेष उपकरण को ही बैकअप प्रदान किया जा सकता है जबकि इन्वर्टर आपके पूरे घर की बिजली की आपूर्ति का लोड उठा सकता है।
बैकअप
यूपीएस में रेक्टिफायर के द्वारा बैकअप प्रदान करा जाता है जबकि इन्वर्टर ac को DC में परिवर्तित करता है।
UPS के बारे में अन्तिम राय
दोस्तों, इस आर्टिकल UPS Kya Hai मे आपको यूपीएस से सम्बन्धित सारी जानकारी दी गई है। उम्मीद है, की इस आर्टिकल से आपको UPS Kya Hota Hai Hindi Me के बारे में काफी जानकारी प्राप्त हो गई होगी। यदि इसे आपको यह आर्टिकल पसन्द आया हो, तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएँ। साथ ही इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें, ताकि उन्हें भी यूपीएस से सम्बन्धित यह महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
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UPS का पूरा नाम क्या है?
UPS का पूरा नाम “Uninterruptible Power Supply” है।
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UPS किस काम आता है?
UPS अचानक लाइट चले जाने की स्तिथि में कम्प्यूटर को बिजली की आपूर्ति करने में सहायता प्रदान करता है।