करवा चौथ भारत में सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य मनाया जाता है। करवा चौथ का चलन भारत के कई राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में है। केवल सुहागने ही नहीं बल्कि कुँवारी कन्या भी इस व्रत को रखती है। कई जगह ऐसी मान्यता है कि कुँवारी कन्या के व्रत रखने से भाई का स्वाथ्य बेहतर बना रहता है। यह हर साल मनाया जाने वाला त्योहार है। इस पोस्ट में आपको करवा चौथ के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताई गई है जैसे कि करवा चौथ कब है, करवा चौथ का महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, कथा और महत्व आदि। यह सभी भारतीय पंचांग के अनुसार है।
करवा चौथ का महत्व क्या है (Karwa Chauth Importance in Hindi)
करवा चौथ का व्रत का त्यौहार उत्तर भारत में सुहागिन महिला द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती है और शाम को चांद के दर्शन करके व पूजा करने के बाद ही व्रत खोलती है। भारत में यह मान्यता है कि यदि कोई महिला करवा चौथ का व्रत रखती है तो इससे उसके पति की आयु लंबी रहती है और साथ ही वैवाहिक जीवन में सुख बना रहता है। कार्तिक माह की चतुर्थी को मनाये जाने के कारण ही इसे करवा चौथ कहा जाता है। यह व्रत सुबह 4 बजे से ही शुरू हो जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश जी और कार्तिकेय जी के साथ चंद्र देव की पूजा-अर्चना की जाती है। सुहागिनें छलनी में दीपक रखकर चांद देखकर पूजा करके फिर अपने पति को देखकर ही अपना व्रत खोलती है।
करवा चौथ कब है (Karwa Chauth 2022 Date)
भारतीय पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat 2022) 13 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा। इस आर्टिकल में हम इस व्रत के महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे है। आइए जानते हैं करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, योग और महत्व।
करवा चौथ की तिथि (Karwa Chauth Tithi)
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी प्रारंभ – 13 अक्टूबर 2022 को सुबह 01 बजकर 59 मिनट से
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी समाप्त – 14 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth Muhurat 2022)
पूजा का शुभ मुहूर्त – 13 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 15 मिनट तक।
करवा चौथ पर चंद्रोदय समय – 13 अक्टूबर रात 08 बजकर 19 मिनट पर
करवा चौथ की पूजा सामग्री
करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए चंदन, शुद्ध घी, दीपक, रुई, कपूर, जल का लोटा, करवा माता का पोस्टर, चावल, सिंदूर, मेहंदी, करवा, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, फूल, कच्चा दूध, शक्कर, शहद, दही, मिठाई, गंगाजल, गेहूं, हल्दी, आसन, चौदह मिट्ठी पूरी या पुए व दक्षिणा और एक छलनी की आवश्यकता होती है।
करवा चौथ 2022 पूजा विधि
करवा चौथ व्रत की पूजा का प्रारंभ सूर्योदय के समय से करें। स्नान करने के बाद हाथ में गंगाजल लेकर भगवान का ध्यान करें और व्रत करने का संकल्प लें। बाद में जल को किसी भी गमले में डाल दें इसे कही फेंके नहीं। पूरे दिन निर्जला व्रत रखें और शाम को भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा करके, करवा चौथ व्रत की कथा का पाठ करे या सुने। चंद्रमा के उदय होने पर उन्हें अर्घ्य देकर अपने पति के बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करें। फिर अपने पति की आरती उतारे और इसके बाद जल ग्रहण करके अपना व्रत खोलें। करवा चौथ व्रत में कथा का बहुत महत्व है। इस कथा के बिना पूजा अधूरी समझी जाती है। आप चाहे तो इस कथा का स्वयं पाठ कर सकते हैं या किसी अन्य से सुन सकते है। आइये जानते है, करवा चौथ की कथा क्या है?
करवा चौथ की कथा (karwa chauth 2022 katha)
कथा के अनुसार एक साहूकार के सात बेटे थे और उनकी एक बेटी थी। उसका नाम करवा था। एक बार करवा चौथ के दिन करवा ने व्रत रखा। रात्रि को जब सब भोजन करने लगे तो करवा के भाइयों ने उससे भी भोजन करने के लिए कहा। तो करवा ने यह कहकर मना कर दिया कि अभी चांद नही निकला है और वह चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन करेगी। उसके भाईयों से अपनी सुबह से भूखी-प्यासी बहन की हालत देखी नहीं गयी। तो उनमें से सबसे छोटे भाई दूर एक पीपल के पेड़ में एक दीपक प्रज्वलित कर दिया और फिर आकर अपनी बहन से बोला – चांद निकल आया है, चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ लो। बहन को अपने भाई की यह चतुराई समझ में नहीं आई और उसने चन्द्रमा की जगह दीपक को ही अर्घ्य देकर खाना खा लिया। खाना खाते ही उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला। पति की मृत्यु के शोक में अपने पति के शव को लेकर एक वर्ष तक बैठी रही और उसके ऊपर उगने वाली घास को इकट्ठा करती रही और अगले साल जब वापस कार्तिक कृष्ण चतुर्थी आने पर फिर से उसने पूरे विधि-विधान से करवा चौथ व्रत किया और उसका पति पुनः जीवित हो गया।
करवा चौथ 2022 पर बनने वाले शुभ योग
इस साल करवा चौथ पर रोहिणी और कृतिका नक्षत्र के साथ सिद्धि योग बन रहा है, जो कि काफी शुभ योग माना जाता है। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में उपस्थित रहेगा। इसी कारण इस दिन चंद्रमा की पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होगी।