Dark Web क्या है, इसे कैसे चलाते हैं – पूरी जानकारी हिंदी में

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  • Post last modified:जुलाई 9, 2023
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dark web kya hai

आज हम सभी इंटरनेट का उपयोग करते हैं। लेकिन दोस्तों क्या आप जानते है, हम जिस इंटरनेट का उपयोग करते हैं, वह बस इंटरनेट की दुनिया का एक छोटा सा भाग है। जबकि इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा हिस्सा है, डार्क वेब। क्या आप जानते हैं, Dark Web kya hai. अगर नहीं तो आप हमारे इस आर्टिकल Dark Web kya hota hai के जरिये आप डार्क वेब से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें जान सकते है।

डार्क वेब में हर वो चीज होती जो जो आप इंटरनेट की मदद से कर सकते हैं या करने के बारे में सोच सकते हैं। हैकिंग हो, ड्रग्स की तस्करी हो, हथियारों की तस्करी हो या ऑनलाइन किसी की डिटेल्स चोरी करना हो इसके जरिए हर तरह के कानुनी और गैरकानूनी काम किए जाते है। डार्क वेब के लिए अलग तरह के ब्राउजर यूज किया जाता है। साधारणतः हम इंटरनेट चलाने के लिए जिन ट्रेडिशनल वेब ब्राउजर्स का उपयोग करते हैं, जैसे कि गूगल क्रोम, इंटरनेट एक्सप्लोरर, फायर फॉक्स आदि। इस तरह के ब्राउजर्स को सरफेस वेबं (Surface Web) कहा जाता है।

इस तरह के ब्राउजर्स बेहद ही साधारण होते हैं। इनमें डार्क वेब नहीं चलाया जा सकता है। डार्क वेब चलाने के लिए अलग से ब्राउजर्स उपलब्ध हैं। हैकर सबसे ज्यादा इसी वेब का उपयोग करते हैं। डार्क वेब क्या होता है, डार्क वेब कैसे चलाते है और इसके बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए आपको यह आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा। इसमें हमने आपको डार्क वेब से जुडी पूरी जानकारी दी है। आइये अब सबसे पहले जानते है, डार्क वेब क्या है?

डार्क वेब क्या है (What is Dark Web in Hindi)

इंटरनेट का वह हिस्सा जो किसी भी सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं किया जाता “डार्क वेब” कहलाता है। Dark Web को Dark Net के नाम से भी जाना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इंटरनेट का वह हिस्सा जो हम अधिकतर यूज करते है, वह पूरे इंटरनेट का केवल 4 या 5 प्रतिशत है। बाकि का 96 या 95 प्रतिशत हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब में आता है। डार्क वेब के लिए अलग तरह के ब्राउजर यूज किया जाता है। डार्क वेब पर सुरक्षित रूप से सर्फिंग करने के लिए anonymity और vpn tools का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि कोई अन्य व्यक्ति आपका गलत फायदा न उठा सके।

डार्क वेब पर सभी जानकारी सिक्योर और इनक्रिप्टेड होती है। डार्क वेब पर कितनी वेबसाइट हैं, उन वेबसाइट के डोमेन नेम क्या है, उन वेबसाइट के मालिक कौन हैं, लोग इन वेबसाइटों पर क्या करते हैं? इन सभी बातों का पता लगाना बहुत ही मुश्किल होता है। डार्क वेब पर ड्रग्स की तस्करी, हथियारों की तस्करी ही नहीं बल्कि मानव तस्करी जैसे ऍम भी किए जाते है। इन्हें कौन बेच रहा है, कौन खरीद रहा है, भुगतान कौन कर रहा है आदि के बारे में जानना भी बेहद मुश्किल है।

डार्क वेब पर भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जाता है, इसलिए यह बहुत ही सिक्योर होता है। डार्क वेब में हर वो चीज होती जो आप इंटरनेट की मदद से कर सकते हैं या करने के बारे में सोच सकते हैं। हैकिंग हो, ड्रग्स की तस्करी हो, हथियारों की तस्करी हो या ऑनलाइन किसी की डिटेल्स चोरी करना हो आदि। इसके जरिए हर तरह के कानुनी और गैरकानूनी काम किए जाते है।

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डार्क वेब की शुरुआत कैसे हुई?

डार्क वेब की शुरुआत अमेरिका ने 90 के दशक में की थी। अमेरिकी सेना ने अपने खुफिया एजेंट्स के साथ खुफिया जानकारी को शेयर करने के लिए डार्क वेब की इस दुनिया को बनाया था और उस पर केवल उनके द्वारा शेयर की गई जानकारी ही उपलब्ध थी। लेकिन डार्क वेब पर सिमित लोगों की संख्या होने और सिमित सूचनाएं होने के कारण यह गुप्त सूचनाएं लीक हो सकती थीं। इसी कारण बाद में डार्क वेब को एक Anonymity बनाने का निर्णय लिया गया और उसे विश्व भर की आम जनता के लिए भी जारी कर दिया क्योंकि ज्यादा बड़ी संख्या में यूजर्स और इतनी सारी सूचनाएं उपलब्ध होने के बाद खुफिया एजेंट्स द्वारा शेयर की गई खुफिया जानकारियों का पता लगाना नामुमकिन है।

डार्क वेब कैसे काम करता है?

जैसा कि हमने आपको पहले बताया डार्क वेब में एक्सेस करने के लिए एक स्पेशल वेब ब्राउज़र की आवश्यकता होती है। डार्क वेब के लिए ओनियन राउटिंग टेक्नोलॉजी पर काम करने वाले (TOR) ब्राउजर का उपयोग किया जाता है। यह टेक्नोलॉजी यूजर्स के आईपी एड्रेस बार-बार रूट और री-रूट करती है इस तरह यह यूजर्स की लोकेशन को गोपनीय बनाए रखती है और उन्हें ट्रैकिंग और हैकिंग से बचाती है। लेकिन डार्क वेब में एक्सेस करने से पहले, करते समय और उसके बाद में करने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है तो चलिए जानते हैं, ऐसी ही कुछ खास बातों के बारे में।

Dark Web कैसे चलाएं और टोर ब्राउजर को कैसे डाउनलोड करें?

Dark Web चलाने के लिए अलग से ब्राउजर्स उपलब्ध हैं। The Onion Router (TOR) डार्क वेब की दुनिया में एक बेहद ही चर्चित नाम है। TOR एक ब्राउजर है। इसकी एक खास बात यह है कि यह थोड़े-थोड़े समय में यूजर का IP Address बदलता रहता है और इस कारण यूजर की सही लोकेशन पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है। यहाँ यूजर अथवा उससे जुडी किसी जानकारी का पता नहीं लगाया जा सकता है। इसी कारण डार्क वेब पर गैरकानूनी काम करने वाले अपराधियों को पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।

सामान्य यूजर के लिए इसे चलाना बेहद कठिन है, अगर सुरक्षा में थोड़ी सी भी कमी रह जाए तो यह आपको बहुत भारी पड़ सकता है। इसी कारण सामान्य यूजर जिन्हे ज्यादा तकनीकी जानकारी नहीं है, इससे दूर ही रहना चाहिए। Dark Web चलाने के लिए एक लैपटॉप या कंप्यूटर सबसे जरूरी है। इसके अलावा आपको हाई स्पीड इंटरनेट की भी आवश्यकता होगी। अगर आपके पास यह दोनों चीजें है, तो आप डार्क वेब चला सकते हैं। कम्प्यूटर में टोर ब्राउजर डाउनलोड करने और उसे चलाने के लिए आपको नीचे कुछ स्टेप्स बताए गए हैं, इन्हें फॉलो करें।

  • सबसे पहले अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में अपनी आधिकारिक वेबसाइट से टोर (TOR) ब्राउजर डाउनलोड करें।
  • इसके बाद टोर ब्राउजर को इनस्टॉल करें।
  • अब इसे ओपन करें और कनेक्ट बटन पर क्लिक करें।
  • क्लिक करने के बाद, कुछ समय की प्रोसेसिंग के बाद यह आपको टोर सर्वर से कनेक्ट कर देगा और इसके साथ ही आपका लोकल आईपी एड्रेस भी अपने आप बदल जाएगा।
  • आप टोर नेटवर्क सेटिंग पर जाकर भी यह चेक कर सकते हैं कि आपका आईपी बदला है या नहीं।
  • अब आपका टोर ब्राउजर तैयार है, आप इसकी सहायता से डार्क वेब की दुनिया में कदम रख सकते है।
  • डार्क वेब में किसी साइट पर जाने के लिए आपको उस साइट का url पता होना चाहिए। बिना यूआरएल के आप किसी साइट पर नहीं जा सकते है और जैसा की हमने पहले भी बताया डार्क वेब पर जाने के लिए यूआरएल में .onion एक्स्टेंशन का यूज किया जाता है।

डार्क वेब चलाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

डार्क वेब एक ऐसी दुनिया है जो अपराधियों से भरी पड़ी है, अगर अपने आपको सुरक्षित नहीं रखते हैं तो कब, कौन आपका फायदा उठा ले कुछ नहीं कह सकते। इसलिए जैसे ही आप इस दुनिया में कदम रहते हैं। आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ खास बातों के बारे में।

  • डार्क वेब चलाने के लिए सबसे पहले ध्यान रखना चाहिए कि आप जिस VPN का उपयोग डार्क वेब चलाते समय कर रहे हैं, वह सुरक्षित हो और अन्य व्यक्तियों से आपकी पहचान को सुरक्षित रख सके। ऐसी कई वेबसाइट और सॉफ्टवर्स हैं जो इस तरह की सुरक्षित VPN service प्रोवाइड कराते हैं। इनमें HideIPVPN, HideMyIP, Nord VPN, Strong VPN, Cactus VPN और Kepard VPN आदि शामिल हैं।
  • डार्क वेब चलाने के लिए Tor Web Browser का ही उपयोग करें। यह आपको सुरक्षित रखता है। साथ ही इस बात का भी खास ख्याल रखें कि Tor Web Browser उसकी ऑफिशियल वेबसाइट से ही डाउनलोड किया गया हो।
  • Tor web browser को install करने और उसमें सुरक्षित लॉगिन करने के बाद सभी programms को बंद कर दें, ताकि आप आसानी से dark web में crawl कर सकें।
  • डार्क वेब चलाते समय अपनी पहचान को हमेशा छुपाकर रखें। कभी भी आपका नाम, नम्बर, पता, अपनी कोई भी निजी जानकारी अथवा कोई सोशल मीडिया की कोई भी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें।
  • एक और सबसे खास बात जो आपको डार्क वेब चलाते समय मुख्य रूप से ध्यान में रखनी है। डार्क वेब चलाते समय अपना वेबकैम हमेशा बंद रखें।

तो यह कुछ बातें थी, जिन्हें आपको डार्क वेब का उपयोग करते समय जरूर ध्यान में रखना चाहिए। अगर आप इनमें से किसी भी बात को नजरअंदाज करेंगे तो आप किसी अपराधी का शिकार बन सकते हैं और किसी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

Dark Web की विशेषताएं

डार्क वेब में बहुत सारी विशेषताएं हैं, जो इसे अन्य वेब से खास बनाती है। आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ विशेष बातों के बारे में।

  • यहाँ आपकी पहचान गुप्त रहती है।
  • डार्क वेब का इस्तेमाल मुख्य रूप से हैकरों द्वारा किया जाता है।
  • कई बड़ी-बड़ी सुरक्षा एजेंसिया भी अपनी गुप्त सूचनाओं को अपने खुफिया एजेंटों के साथ शेयर करने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करती है।
  • डार्क वेब को चलाने के लिए खास ब्राऊजर का यूज किया जाता है। किसी साधारण वेब ब्रॉउजर के जरिए यह चलाना नामुमकिन है।
  • डार्क वेब पर उपलब्ध सभी वेबसाइटों का यूआरएल में एक्स्टेंशन .onion का यूज किया जाता है।
  • डार्क वेब में पैसे का लेन-देन वर्चुअल करेंसी (बिटकॉइन) के द्वारा किया जाता है।
  • यहाँ आप हर वो काम भी कर सकते है, जो किसी साधारण वेब के जरिए नहीं कर सकते हैं।

डार्क वेब मार्केट क्या है?

डार्क वेब की काली दुनिया में जो इंडस्ट्रीज ऑपरेट की जाती है, उन्हें ही डार्क वेब मार्केट या डार्क नेट मार्केट कहा जाता है। ऐसा नहीं है, कि डार्क वेब में केवल गैर कानूनी काम ही किये जाते है। यहाँ कई लोग कानून के द्वारा निर्धारित सीमा में रहकर भी काम करते हैं। लेकिन यह अपराधियों का अड्ड़ा है, इसे अगर हम अपराधियों की दुनिया कहें तो गलत नहीं होगा। यहाँ हर वो चीज बिकती है, जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। डार्क नेट मार्केट में मानव तस्करी, ड्रग्स तस्करी, हथियारों की तस्करी से लेकर मिसाइलों तक को बेचा और खरीदा जा सकता है। क्योंकि यहाँ पर सबकी पहचान गुप्त रहती है, तो अपराधियों को पकड़ना भी बेहद मुश्किल या दूसरे शब्दों में कहें तो नामुमकिन होता है।

डार्क वेब में किसी भी चीज का पेमेन्ट करने के लिए बिटकॉइन (जो कि एक वर्चुअल करेंसी है) का यूज किया जाता है। क्योंकि इस करेंसी पर किसी प्रकार से गवर्नमेंट का Control नहीं है। साथ ही इससे पैमेंट करने से पैमेंट करने वाले और पैमेंट लेने वाले दोनों की पहचान गुप्त रहती है और इसी कारण इसे ट्रैक करना सम्भव नहीं है।

क्या डार्क वेब का इस्तेमाल करना गैर कानूनी है (Is Dark Web illegal)

जब भी डार्क वेब की बात आती है, अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या डार्क वेब का इस्तेमाल करना गैर कानूनी है? तो हम आपको यह बात बता दें कि ऐसा नहीं है। अगर आप कानून की सीमा रेखा के दायरे में रहकर कोई काम कर रहे हैं, तो यह गैर कानूनी नहीं है। आप सामान्य यूजर के हिसाब से इसका उपयोग कर सकते हैं।

FAQ: Dark Web के बारे में सवाल-जवाब

डार्क वेब पर क्या-क्या होता है?

डार्क वेब पर इंटरनेट से जुड़े सभी काम कानूनी और गैरकानूनी काम किये जाते है। इसमें हैकिंग, ड्रग्स की तस्करी, हथियारों की तस्करी, पोर्नग्राफी या ऑनलाइन किसी की डिटेल्स चोरी करना आदि शामिल है।

डीप वेब क्या है?

डीप वेब डार्क वेब का वह हिस्सा है, जहाँ सभी जानकारी छुपी हुई होती है। डार्क वेब से भी ज्यादा सिक्योर होता है। डार्क वेब, डीप वेब (Deep Web) का ही एक हिस्सा है।

क्या गूगल, क्रॉम, याहू जैसे सर्च इंजन्स में डार्क वेब चलाया जा सकता है।

नहीं, डार्क वेब को चलाने के लिए अलग तरह के सर्च इंजन्स का उपयोग किया जाता है, TOR इसके लिए फेमस है।

Conculsion

तो दोस्तों, अब आपको समझ आ गया होगा कि Dark Web kya hai और यह किस तरह काम करता है? जैसा कि हमने पहले बताया डार्क वेब इंटरनेट की एक ऐसी दुनिया है, जो अपराधियों से भरी पड़ी है। लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल अपराधी ही इसका उपयोग करते है बल्कि इसका यूज अच्छे कामों के लिए भी किया जाता है। लेकिन अपराधिक गतिविधियाँ ज्यादा होने के कारण खुफिया एजेंसियां डार्क वेब पर होने वाली हरकतों पर हमेशा नजर रखती है। इसलिए हो सकता है आपके एक्सेस करने के बाद वह आपको भी ट्रैक कर लें और अगर आपका किसी भी अपराधिक गतिविधि से लिंक हुआ तो आपकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।

इसके अलावा अगर आप इसमें एक्सेस करते हैं, तो हो सकता है कोई हैकर आपका कंप्यूटर हैक कर ले। यही नहीं बल्कि कई बार टोर एप्प में एक्सेस करने पर आपके कम्प्यूटर में वायरस भी आ सकते हैं या फिर कोई मैलवेयर अटैक भी हो सकता है। अगर आपको कम्प्यूटर के बारे में और किसी कम्प्यूटर लैंग्वेज के बारे में कोई अच्छी जानकारी नहीं है तो आपको जहां तक सम्भव हो, आपको डार्क वेब से दूर ही रहना चाहिए। आपको Dark Web in hindi पर हमारी यह जानकारी कैसी लगी, कमेन्ट करके जरूर बताए।

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Jay Kanwar

Jay Kanwar is an professional blogger. She loves reading and learning new tech. She contributes most of the tech and informative articles on this blog.