अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो आपको यह पता होना बेहद आवश्यक है कि “Demat Account Kya Hai” कुछ समय से शेयर मार्केट में डीमैट अकाउंट का अधिक उपयोग किया जा रहा है। ट्रेडिंग करने वाले हर व्यक्ति को सबसे पहले अपना एक डीमैट अकाउंट बनाना होगा, क्योंकि आजकल शेयर मार्केट में शेयर्स के लेन-देन की प्रक्रिया डीमैट अकाउंट के द्वारा ही की जाती है।
अब आप पहले की तरह पेपर फॉर्म का उपयोग कर शेयर मार्किट में निवेश नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी कम्प्यूटर या लेपटॉप की आवश्यकता नहीं होती है। आप केवल अपने स्मार्टफोन से डीमैट अकाउंट बना सकते है और उसका उपयोग कर सकते हैं।
भारत में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत 1996 में हुई। इसका मुख्य उद्देश्य शेयर मार्केट में इन्वेस्टरों को कागजी कार्रवाई से होने वाली असुविधाओं को कम कर शेयर्स ट्रेडिंग और ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाना था। डीमैट अकाउंट प्रणाली लागु होने के बाद केवल भारतीय इन्वेस्टर्स ही नहीं बल्कि विदेशी इन्वेस्टर्स भी भारतीय शेयर मार्केट की ओर आकर्षित हुए हैं।
Demat Account ओपन करने के लिए आपको एक विश्वसनीय ब्रोकिंग फर्म की आवश्यकता होती है। जो आपके शेयर्स को सुरक्षित रखे और आपको आपकी आवश्यकता की सभी सुविधाएँ उपलब्ध करा सके। डीमैट अकाउंट के बारे में और अधिक जनने के लिए आपको हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ना होगा।
इस आर्टिकल में हमने डीमैट अकाउंट से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करी है, जो किसी इन्वेस्टर के लिए काफी महवपूर्ण साबित हो सकती है। इस पोस्ट के माध्यम से आप जान सकते है कि Demat Account kya hota hai, यह कैसे काम करता है, डीमैट अकाउंट कैसे ओपन करें और इसका इस्तेमाल करने से किसी यूजर को क्या-क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
इसके साथ ही हमने इस पोस्ट में भारत की कुछ Best Demat Account Brokerage Firm के बारे में भी बताया है, जिनके माध्यम से आप अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले कि हम इसके बारे में और जानकारी हासिल करें। सबसे पहले हम जानेंगे कि डीमैट अकाउंट का पूरा नाम क्या है और डीमैट क्या होता है (Demat Account in Hindi)
डीमैट अकाउंट का पूरा नाम क्या है (Demat Account Full Form in Hindi)
डीमैट अकाउंट का पूरा नाम “Dematerialized Account” होता है।
डीमैट अकाउंट क्या है (What is Demat Account in Hindi)
Demat शब्द “Dematerialize” का एक छोटा रूप है। किसी चीज का अभौतिकीकरण करने की प्रक्रिया को “dematerialization” कहते है। इस प्रकार Demat Account एक प्रकार का De-Materialize Shares होल्डर अकाउंट होता है। इसका उपयोग शेयर्स को खरीदने-बेचने और और उन्हें सेव/होल्ड करके रखने में भी किया जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो डीमैट अकाउंट प्रकार से शेयर्स का सेविंग अकाउंट होता है, जिस तरह से हम अपने बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसों को सेव करके सुरक्षित रखते है, बिल्कुल उसी तरह Demat Account में Stock Exchange Market से खरीदे गए शेयर्स को सुरक्षित रखा जाता है। Demat Account में शेयर्स का लेन-देन करने और उन्हें सुरक्षित रखने के अलावा और भी बहुत सारी सुविधाऐं प्रदान करता है। इसमें Long Time Investment Option, Credit Limit जैसी कई सुविधाऐं शामिल है।
डीमैट अकाउंट में केवल शेयर्स ही नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और ईटीएफ जैसे सभी इन्वेस्टमेंट को होल्ड करके रखा जा सकता है। भारत में नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (CDSL) और सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (NSDL) दो ही संस्थाएँ हैं, जिनके द्वारा डीमैट अकाउंट खोला जाता है। आइये अब जानते हैं कि डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?
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डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है (How Demat Account Works in Hindi)
जैसा कि हमने अभी आपको बताया डीमैट अकाउंट बिल्कुल एक बैंक अकाउंट की तरह ही काम करता है। डीमैट अकाउंट बैंक के सेविंग अकाउंट की तरह ही काम करता है तो जिस तरह से पैसों के लेन-देन के लिए सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है, बिल्कुल उसी तरह शेयर्स का लेन-देन करने के लिए डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करने के लिए करने के लिए यूजर के पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना भी जरूरी है। ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट एक साथ जुड़े होते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग कर कोई भी व्यक्ति शेयर और सिक्योरिटी खरीद सकता है और फिर वह अपने खरीदे हुए शेयर्स को डीमैट अकाउंट में जमा करके रख सकता है।
इसी तरह यदि बाद में कभी वह इन शेयर्स को बेचना चाहे तो ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल कर इसे बेच सकता है और अपने डीमैट अकाउंट के माध्यम से उन शेयर्स के खरीदार को ट्रांसफर कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट के बारे में अधिक जानने के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि डीमैट अकाउंट कितनी तरह के होता हैं। तो आइये जानते हैं, डीमैट अकाउंट के प्रकार के बारे में।
डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है (Types of Demat Account in Hindi)
भारत में मुख्यतः तीन तरह के डीमैट अकाउंट ओपन किये जाते हैं। इन तीनों डीमैट अकाउंट के बारे में आपको नीचे विस्तार से बताया गया है।
Regular Demat Account
रेगुलर डीमैट अकाउंट सभी देश के मूल निवासीयों के लिए खोला जाता है। यदि भारत देश का कोई निवासी अपना डीमैट अकाउंट खुलवाता है, तो यह एक रेगुलर डीमैट अकाउंट ही होता है। इस प्रकार के CDSL या NSDL के पास स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोला जाता है, जो हमारे सामान्य बैंक खाते से लिंक भी कर सकते है। इस तरह के डीमैट अकाउंट के माध्यम से यूजर शेयर्स को खरीदने-बेचने के अलावा इन्हें होल्ड करके भी रखना सकते हैं।
Repatriable Demat Account
रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट भारत से बाहर रहने वाले (NRI) निवासियों के लिए खोला जाता है। वह निवासी जो मूल रूप से भारत के नहीं है, लेकिन शेयर मार्केट में शेयर इन्वेस्ट करना चाहते हैं। वह सभी विदेशी मुद्रा द्वारा इसमें निवेश कर सकते हैं।
इस अकाउंट का यूजर किसी भी देश से भारत के शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर सकता है और साथ ही शेयर्स और पैसों को भी ट्रांसफर कर सकता है। इस प्रकार के डीमैट अकाउंट में यूजर का एनआरई अकाउंट लिंक किया जाता है। Repatriable Demat Account होल्डर को FEMA के रूल्स का पालन करना होता है।
Non-repatriable Demat Account
नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट उन एनआरआई ग्राहकों के लिए होता है, जो भारत की सिक्योरिटी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं। यह अकाउंट लगभग रिपेट्रिएबल अकाउंट की तरह ही काम करता है। इस अकाउंट को भी एनआरओ अकाउंट से लिंक करना पड़ता है। इस अकाउंट से विदेशी पैसा इन्वेस्ट तो किया जा सकता है, लेकिन इस अकाउंट से विदेश में वापसी नहीं की जा सकती।
यही नहीं यदि अगर आप भविष्य में कभी विदेश में शिफ्ट हो जाते हैं, तो उस समय अपने Regular Demat Account को Non-repatriable Demat Account में भी बदल सकते हैं। तो इस तरह से आप अपनी आवश्यकतानुसार अपने डीमैट अकाउंट का प्रकार चुन सकते हैं। आइये, अब जानते है कि डीमैट अकाउंट के लिए दस्तावेज कौन-कौनसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
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डीमैट अकाउंट के लिए दस्तावेज (Documents required for demat account in Hindi)
डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए निम्न दस्तावेज होना आवश्यक है। यदि आपके पास इनमें किसी भी एक डॉक्यूमेंट की कमी है तो आपको डीमैट अकाउंट खोलने में परेशानी का सामना करना पद सकता है।
- Pan Card या Aadhar Card
- साइन की कॉपी बैंक खाते की कॉपी या बैंक स्टेटमेंट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पते का प्रमाण-पत्र (आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, पासपोर्ट या बिजली बिल)
इन सभी के अलावा Mobile Number, Email Id यह सभी जानकारी देकर और डॉक्युमेंट्स सबमिट करके आप बड़ी ही आसानी से अपना demat account open कर सकते हैं और इन सब के अलावा आपको इनकम टैक्स रिटर्न की भी आवश्यकता पड़ सकती है, यदि आप डेरिवेट मार्केट में भी निवेश करना चाहते हैं और कई बार Cancelled Check की भी मांग की जाती है। नीचे हमने कुछ Best Brokerage Firm के बारे में बताया है, जिनका उपयोग आप अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं।
भारत की बेस्ट ब्रोकरेज फर्म कौनसी है (Best Brokerage Firm in India)
भारत के कुछ Best Demat Account Brokerage Firm के नाम निम्नलिखित है। भारत के अधिकांश टेडर्स अपना डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए इन्हीं ब्रोकरेज फर्मों का इस्तेमाल करते हैं।
Top 5 Demat Account Brokerage Firm in India
दोस्तों ऊपर बताई गई ब्रोकरेज फर्में अपने ग्राहकों को best demat account की सुविधा प्रदान करती है। इन फर्मों के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना बेहद आसान है। यह सभी ब्रोकरेज फर्में ट्रेडर्स को Low Charges, Credit Limit के अलावा और भी कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है। आइये अब जानते है, demat account kaise khole.
Demat Account कैसे ओपन करें (How to Open Demat Account in Hindi)
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले आपको अपनी पसंद के डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट को चुनना होगा। उपलब्ध विकल्पों में से कौनसा डीपी आपको जरूरत की सारी सुविधाएं कम चार्ज में प्रदान करता है। इसके आधार पर आप अपने डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) का चयन कर सकते हैं। एक बार अपना डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट चुनने के बाद आपको नीचे बताए गए स्टेप्स फॉलो करने होंगे।
Demat Account Kaise Khole
- सबसे पहले चुनी हुई ब्रोकरेज फर्म/डीपी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जायें। यदि आप वेबसाइट का उपयोग न करना चाहते हो तो उस फर्म का एप्प भी मोबाइल अपने फोन में इनस्टॉल कर सकते हैं।
- वेबसाइट ओपन करने या फिर एप्प इनस्टॉल करने के बाद आपको अपने Open New Demat Account के बटन पर क्लिक करें।
- फिर आपसे आपका मोबाइल नम्बर या Email Id मांगी जाएगी। तो इसमें से कोई भी एक जानकारी के द्वारा साइन अप कर सकते हैं।
- इसके बाद आपसे कुछ और जानकारी मांगी जाएगी।
- फिर आपसे बैंक अकाउंट और पैन नंबर जैसी जानकारी मांगी जाती है। तो आपको यहाँ अपने उस बैंक अकाउंट की डिटेल्स देनी है, जिसे आप अपने डीमैट अकाउंट से जोड़ना चाहते हैं।
- इसके बाद आइडेंटिटी प्रूफ और आपके पते से संबंधित जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करें।
- इसके बाद आपको ई साइन का ऑप्शन देखने को मिलेगा। इस पर क्लिक करके आप अपने डीमैट अकाउंट में ई साइन कर सकते हैं।
- अन्त में दी हुई जानकारी को वापस चेक करके इसे सबमिट करना होता है और कुछ समय पश्चात ही आपका डीमैट अकाउंट ओपन हो जायेगा।
किसी जाना होगा और अकाउंट के लिए अप्लाई करते समय आपसे कुछ जानकारी और डॉक्युमेंट्स की मांग की जाती है। इनमें , Email Id, photo, Pan Card और शामिल होते हैं। ध्यान पूर्वक सभी जानकारी भरिए ताकि किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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डिमैट अकाउंट के फायदे क्या है?
जैसा कि हमने आपको अभी बताया डिमैट अकाउंट का इस्तेमाल मुख्य रूप से शेयर मार्केट में किया जाता है। डीमैट अकाउंट की वजह से निवेशकों के लिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग बेहद आसन और तेज हो गया है और इसकी वजह से शेयर बाजार में लेन-देन की वॉल्यूम भी काफी बढ़ गई है। लेकिन इसके ओर भी बहुत सारे फायदे है। नीचे हमने डिमैट अकाउंट से होने वाले कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में बताया है।
Demat Account ke Fayde
- तुरन्त ट्रांसफर – डिमैट अकाउंट का उपयोग करके बस कुछ ही सेकंड्स में शेयर्स ट्रांसफर किये जा सकते हैं। पहले पेपर फॉर्म द्वारा शेयर्स ट्रांसफर किये जाते थे। इसमें बहुत समय लगता था, कभी कुछ हफ्ते तो कई बार महीनों लग जाते थे। लेकिन सब ऐसा नहीं है, अब आप बस एक क्लिक के द्वारा तुरन्त अपने डीमैट खाते में शेयर्स का लेन-देन कर सकते हैं।
- पहले किसी व्यक्ति को शेयर्स बेचने होते तो उसे एक समूह के रूप में शेयर्स बेचने पड़ते थे। थोड़े बहुत शेयर्स बेचना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन अब डीमैट अकाउंट के जरिए यदि कोई अपना एक शेयर भी बेचना चाहे तो वो बड़ी ही आसानी से इसे बेच सकता है।
- डीमैट अकाउंट यूजर अपने अकाउंट को व्यक्तिगत रूप से मनोनित कर सकता है। जबकि इससे पहले शेयर्स के लिए प्रमाणपत्र जारी किये जाते थे।
- किसी भी डीमैट एकाउंट का इस्तेमाल करने के लिए उसके Password की आवश्यकता पड़ती है। यही नहीं इसके द्वारा transaction करने के लिए भी transaction password डालना पड़ता है। इस तरह अन्य कोई भी व्यक्ति आपकी अनुमति के बिना आपके डीमैट अकाउंट और उसमें रखे शेयर्स के साथ छेड़खानी नहीं कर सकता।
- यदि आप डीमैट एकाउंट का इस्तेमाल शेयर्स खरीदने या बेचने के लिए करते हैं, तो इससे शेयर्स के चोरी होने या इसके लेन-देन में धोखाधड़ी होने की संभावना न के बराबर रहती है।
- डीमैट अकाउंट के उपयोग से भारत के शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है और विदेशी निवेशकों की भी एंट्री हुई है।
- डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करने से शेयर मार्केट में ब्रोकर द्वारा लिए जाने वाले चार्जेस में भी कमी आई है।
- डीमैट अकाउंट निवेशकों को अपने शेयर्स के लिए नॉमिनी चुनने की सुविधा भी प्रदान करता है।
- डीमैट अकाउंट में रखी हुई सिक्योरिटी और शेयर आदि को दिखा कर बैंक से लोन की सुविधा भी ली जा सकती है।
- डीमैट अकाउंट अपने यूजर्स को किसी भी तरह के बोनस शेयर भी आपके खाते में डायरेक्ट क्रेडिट करने की अनुमति प्रदान करता है।
- इसके अलावा पहले ट्रेडिंग करते समय शेयर्स को एक सर्टिफिकेट के रूप में रखा जाता था और इस शेयर सर्टिफिकेट फट जाने और खो जाने या के खराब होने का डर बना रहता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब आप डीमैट अकाउंट में अपने शेयर्स सेफ रख सकते हैं।
डीमैट अकाउंट के नुकसान क्या है?
जहाँ एक ओर डीमैट अकाउंट के इतने फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं।
Demat Account ke Nuksan
- Demat Account एक प्रकार का डिजिटल अकाउंट होता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए स्मार्टफोन या कम्प्यूटर की आवश्यकता होती है। यदि किसी के पास इन दोनों में से कोई भी उपकरण उपलब्ध नहीं है, तो उसके लिए इसका कोई मतलब नहीं।
- डीमैट अकाउंट हैंडल करने के लिए स्मार्टफोन या कम्प्यूटर होने के साथ-साथ इन्टरनेट के बारे में जानकारी होनी भी बेहद आवश्यक है।
- डीमैट अकाउंट में हर साल Annual Maintenance Fee देनी पड़ती है, चाहे आप इसका इस्तेमाल कर शेयर खरीदे या न खरीदें। यह एक एक्स्ट्रा खर्चा होता है, जो हर यूजर को देना पड़ता है।
- Demat Account का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को अक्सर Account Freez की समस्या का सामना करना पड़ता है। यदि कोई यूजर कुछ समय के लिए अपना demat account login नहीं करता है, तो उसका Demat Account Freez होने की सम्भावना रहती है। यदि एक बार कोई डीमैट अकाउंट फ्रीज हो जाता है, तो उसे वापस से Demat Account unfreez करवाना पड़ता है।
माना कि डीमैट अकाउंट में कुछ कमियां हैं, लेकिन इससे होने वाले फायदों के मुकाबले यह कोई मायने नहीं रखती।
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में क्या अन्तर है (Trading account and demat account difference in Hindi)
कई बार लोगों को इस बात को लेकर संदेह रहता है कि क्या ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट एक ही हैं या फिर इनमें कोई अन्तर है। तो मैं आपको यह बता दूँ कि ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों अलग-अलग हैं। हालाँकि दोनों ही अकाउंट्स को स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही खुलवाया जाता है, लेकिन इनका इस्तेमाल अलग-अलग कार्यों को करने के लिए किया जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट द्वारा इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट से ट्रेडिंग कर शेयर्स को खरीद और बेच सकते हैं, वही डीमैट अकाउंट में खरीदे हुए शेयर्स और सिक्योरिटी को होल्ड करके रखा जाता है। इससे आप इलेक्ट्रॉनिक शेयर सर्टिफिकेट को कागज के तौर पर मंगवा भी सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट यूजर के डीमैट अकाउंट और बैंक खाते के बीच मध्य एक कड़ी के रूप में काम करता है। इसी के माध्यम से ही बैंक के पैसे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर किये जाते हैं।
वही दूसरी ओर डीमैट अकाउंट में खरीदे गए शेयर और सिक्योरिटी को होल्ड करके रखा जाता है। डीमैट अकाउंट भी ब्रोकर के द्वारा ही ओपन किया जाता है, लेकिन इसके लिए आपको एक डीपी का चुनाव करना होता है। यह अकाउंट यूजर और डिपोजिटरी के मध्य की कड़ी होती है, जो इन्हें आपस में जोड़ कर रखती है।
Demat Account के बारे में अन्तिम राय
उम्मीद है कि आपको अब समझ आ गया होगा कि Demat Account Kya Hota Hai. जैसा कि हमने आपको बताया कि डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल शेयर मार्केट से शेयर खरीदने-बेचने, शेयर्स को ट्रांसफर करने और उन्हें होल्ड करके रखने के लिए किया जाता है। यह आपके शेयर्स को सिक्योर रखने का काम करता है। अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के बारे में सोच रहें है तो मेरी राय है कि आपको सबसे पहले अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहिए।
आपको हमारी यह पोस्ट “Demat Account Kya Hai” कैसी लगी, कमेन्ट करके जरूर बताए। वैसे तो हमने इस पोस्ट में डीमैट अकाउंट से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलु जैसे कि डीमैट अकाउंट क्या है, यह कितने प्रकार के होते है, डीमैट अकाउंट क्यों उपयोगी है, demat account kaise khole आदि सभी के बारे में जानकारी दे दी है। लेकिन अगर अभी भी आपका डीमैट अकाउंट से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो कमेन्ट करके पूछ सकते हैं। साथ ही अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करना न भूलें और ऐसी ही इन्फॉर्मेशनल पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग Fly Hindi को जरूर फॉलो करें।
Demat Account से जुड़े सवाल-जवाब:
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क्या डीमैट अकाउंट खुलवाने का कोई चार्ज लगता है?
जी हाँ, डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए 300-700 रु. का चार्ज लगता है।
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स्टॉक मार्केट में डीपी (DP) क्या है?
भारत में डीमैट अकाउंट खोलने के लिए दो संस्थाए उपलब्ध है, National Securities Depository Limited (NSDL)और Central Depository Services Limited (CDSL). इन depositories के सभी स्टॉक ब्रोकर्स जो ग्राहकों के डीमैट अकाउंट खोलने का काम करते हैं, “Depository Participants” कहलाते है। इन्हीं Depository Participants को शॉर्ट में “DP” कहा जाता है।
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क्या कोई भी व्यक्ति डीमैट खाता खोल सकता हैं?
जी हाँ, कोई भी व्यक्ति Depository Participants निर्धारित प्रोसेस को फॉलो करके अपना डीमैट अकाउंट खोल सकता है।
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क्या एक माइनर डीमैट अकाउंट खोल सकता है?
जी हाँ, कोई माइनर व्यक्ति के नाम पर भी डीमैट अकाउंट खोला जा सकता है, लेकिन यह अकाउंट माइनर के अभिभावकों के द्वारा ऑपरेट किया जाता है।
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क्या कोई ग्राहक एक से अधिक डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है?
जी हां, कोई भी ग्राहक अलग-अलग स्टॉक ब्रोकर के पास एक से अधिक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।