अक्सर मॉल या शोरूम से खरीदारी करते समय वहाँ के स्टाफ को आपके बिल को स्कैन करते हुए देखा होगा। दरअसल वह उस बिल पर प्रिंट किया हुआ बारकोड स्कैन करते है। क्या आप जानते है, Barcode kya hai. अगर नहीं तो आपको इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए, क्योंकि आजकल उपभोक्ता व उत्पाद से जुड़े हर पहलू में बारकोड्स का उपयोग किया जाता है।
कई उत्पादों पर इस प्रकार के कोड प्रिंट होते है। जो कि उस उत्पाद से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सूचनाएँ उपलब्ध कराते है और इसलिए आपको भी इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। बारकोड का एक पैटर्न सेट होता है। इस पैटर्न में कुछ काली कलर लाइनें, नम्बर या अक्षर होते हो सकते है। मॉल या शोरूम से खरीदारी करते है समय बिल स्कैन करते समय बारकोड के माध्यम से विक्रेता को उत्पाद के मूल्य और उसकी मात्रा की जानकारी मिल जाती है।
इस आर्टिकल में बारकोड से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई है जैसे कि बारकोड क्या है, बारकोड की संरचना, बारकोड के प्रकार, उपयोग और उनसे होने वाले फायदे व नुकसान के अलावा बारकोड कैसे बनाएं के बारे में भी बताया गया है। लेकिन इससे पहले की आप इनके बारे में जाने आईये जानते है, बारकोड क्या होता है?
बारकोड क्या है (What is Barcode in Hindi)
बारकोड किसी उत्पाद या वस्तु की आइडेंटीफिकेशन के रूप में काम करता है। इसमें वस्तु और उत्पाद के बारे में जानकारी जैसे उसका मूल्य, मात्रा, वजन, निर्माण की तिथि, समाप्ति की तिथि, निर्माता कम्पनी के अलावा, जिस देश में बना उसका नाम कब बनाया आदि कई सारी जानकारियाँ और सूचनाएँ शामिल होती है। यह सभी जानकारी बाइनरी भाषा में लिखी होती है।
इसका उपयोग रिटेलर्स दुकानों में, मॉल में, सुपर मार्केट में बिलिंग के समय उत्पाद के मूल्य को ट्रैक करने के अलावा इनवॉइस के लिए टैली में सहायता करने और अन्य उपयोगों के लिए भी किया जाता है। बारकोड में क्षेैतिज रेखा की एक आकृति में इनफार्मेशन को एन्कोड किया जाता है, जिसे केवल किसी बारकोड रिडर द्वारा ही पढ़ा जा सकता है। हर बार कोड एक यूनिक बारकोड होता है। यह एक Readable Machine Code होता है।
बारकोड में समानांतर काली और सफेद कलर की क्षेैतिज रेखा के साथ-साथ नम्बर और अक्षर का एक कॉम्बिनेशन होता है। इन समानांतर काली रेखाओं के बीच सफेद कलर का रिक्त स्थान होता है। बारकोड एक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा आवंटित किया जाता है और हर बारकोड का अपना एक विशेष एल्गोरिथ्म सेट होता है, जिसका यह अनुसरण करता है। यह हमेशा प्रोडक्ट के पीछे की ओर प्रिंट होता है।
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बारकोड का इतिहास (History of Barcode in Hindi)
Barcode का इतिहास बेहद रोचक है। इसका आविष्कार सन् 1948 में किया गया था। इनका अविष्कार Norman J Woodland और Bernard Silver ने मिलकर किया था जो कि Drexel University में Mechanical Engineering के छात्र थे। कुछ साल बाद सन् 1952 में Woodland और Silver ने इसका पेटेंट प्राप्त किया था। लेकिन समय के साथ-साथ इसकी टेक्नोलॉजी में बदलाव करके इसे ओर बेहतर बनाया गया है।
बारकोड के आविष्कार के पीछे एक बेहद रोचक कहानी है। दरअसल Bernard Silver ने कहीं सुना था कि किसी दुकानदार ने उनकी यूनिवर्सिटी के डीन को automatic checking वाला सिस्टम डिजाईन करने को कहा था जिससे कि Grocery के सामान की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सके। बस इसी को ध्यान में रखकर बारकोड का आविष्कार किया था।
उस समय उन्होंने इसका नाम “Classifying Appratus and Method“ रखा था। इसके बाद सन् 1966 में National Association of Food Chains (NAFC) ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल automated checkout system में किया और फिर 1970 में NAFC ने Uniform Grocery Product Code के ऊपर U.S Supermarket Ad Hoc Committee establish किया गया था। उस समय कोड को 11 digit में standardized किया गया था।
बारकोड की संरचना कैसी होती है?
बारकोड आकृति उसमें दी गई जानकारी पर निर्भर होती है। यदि जानकारी ज्यादा है तो थोड़े लंबे भी हो सकते है। बारकोड में रेखाओं और संख्याओं का उपयोग किया जाता है। इसमें 1 से लेकर 9 अंक तक की संख्याएं होती है। किसी-किसी बारकोड में संख्या के साथ-साथ अक्षरों का भी उपयोग किया जाता है। बारकोड में काली कलर की समान्तर रेखाएं होती है और उनके बीच के अन्तराल होता था।
बारकोड चार भागों में अलग-अलग बंटा होता है। इसका पहला भाग उस देश को रिप्रजेंट करता है, जिस देश में इस कोड को जारी किया जाता है। इसे “कंट्री कोड” (Country Code) के नाम से जाना जाता है। Country Code में दो या तीन अंक हो सकते है। इस कोड का दूसरा भाग प्रोडक्ट के निर्माता के बारे में जानकारी देता है इसलिए इसे “प्रॉडक्ट आइटम कोड” कहा जाता है। जबकि बारकोड का तीसरा भाग प्रोडक्ट की पहचान करता है, इसे निर्माता कोड (Manufacturer Code) कहते है।
बारकोड का चौथा और अन्तिम भाग वाली संख्या एक चेक संख्या (Check Digit) है जो कि यह सुनिश्चित करती है कि बारकोड स्कैनर द्वारा स्कैन की गई सारी जानकारी ठीक है। नीचे दी गई इमेज के द्वारा आप बारकोड की संरचना को ओर अच्छी तरह से समझ सकते है।
बारकोड कितने प्रकार के होते है (Types Of Barcode in Hindi)
संरचना के आधार पर बारकोड को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है। इनके बारे में नीचे विस्तार से बताया है।
1 Dimensional (1D) Barcodes
1D बारकोड अर्थात विमीय बारकोड को रेखाकार बारकोड (Linear Barcode) के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार के बारकोड का प्रयोग वस्तु और उत्पादों की जानकारी देने के लिए किया जाता है। इन की डाटा स्टोर करने की क्षमता अन्य बारकोड की तुलना में कम होती है। यदि यह बारकोड थोड़ा भी कट जाता है या इसका कुछ हिस्सा नष्ट हो जाता है, तो इसे स्कैन नहीं किया जा सकता। इन कोड्स में जानकारी को text और lines में एन्कोड किया जाता है। अलग-अलग तरह के कामों के लिए अलग-अलग प्रकार के बारकोड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार के कुछ सामान्य बारकोड निम्नलिखित है।
Universal Product Code (UPC)
1D बारकोड्स में यूनिवर्सल उत्पाद कोड (UPC Code) ही सबसे ज्यादा recognizable होते है। UPC Code में एक 12-digit वाले नम्बर का इस्तेमाल किया जाता है जो कि उत्पाद का नाम, मूल्य, वजन, प्रकार और अन्य जानकारियाँ प्रदान करता है। इस प्रकार के कोड्स का उपयोग रिटेल स्टोर्स सेल्स और इन्वेंट्री के डाटा को स्टोर करने और उस पर नजर रखने के लिए किया जाता है
खाने की चीजों से लेकर, कपड़ों, दवाईयों और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर प्रिन्ट करे हुए कोड यूपीसी कोड ही होते है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में यूपीसी कोड्स का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
European Article Number (EAN)
यूरोपीय अनुच्छेद संख्या कोड (EAN) को बारकोड अंतर्राष्ट्रीय अनुच्छेद संख्या (IAN) के नाम से भी जाना जाता है। ईएएन (EAN) और यूपीसी (UPC) बारकोड में काफी समानता होती है। ईएएन कोड में 13 अंकों के मानक कोड और छोटे वाले संस्करण में आठ अंक होते है और जैसा कि आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे कि इस तरह के बारकोड का इस्तेमाल यूरोपीय देशों में किया जाता है।
Code 39 (Code 3 of 9)
बारकोड के कोड 39 में अक्षर, संख्याएं और प्रतीक आदि शामिल हो सकते है। इस तरह के बारकोड का इस्तेमाल विशेष रूप से ऑटोमोटिव उत्पादन और यू.एस. के रक्षा विभाग द्वारा किया जाता है।
Code 128
बारकोड के Code 128 का उपयोग विशेष रूप से B2B, वितरण और परिवहन के कामों के लिए किया जाता है। कोड 39 के अधिक कॉम्पैक्ट होने के कारण इसे प्राथमिकता दी जाती है। कोड 128 कोड 39 का ही अपडेटेड वर्जन है। इस कोड में ASCII के 128 वर्णों में से कोई भी वर्ण शामिल कर सकते है।
Interleaved 2 of 5
इसतरह के कोड का इस्तेमाल मुख्यतः शिपिंग और गोदाम उद्योगों में किया जाता है। 5 में से 2 इंटरलीव्ड बारकोड में केवल संख्याओं का उपयोग होता है और इन संख्याओं की कुल संख्या सम होनी चाहिए, इसलिए कभी-कभी व्यवसाय की शुरुआत में एक शून्य जोड़ देते है।
Codabar (NW-7)
वर्तमान में इस बारकोड का इस्तेमाल केवल पुस्तकालय, ब्लड बैंक और डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने वाली संस्थाओं के द्वारा ही किया जाता है। इसमें संख्याओं के साथ-साथ A से D तक के अक्षरों को भी शामिल किया जाता है।
2 Dimensional Barcodes (2D)
2D बारकोड अर्थात द्विबिमीय बारकोड को 2D बारकोड या QR Code भी कहा जाता है। इस प्रकार के बारकोड आपको मुख्यतः ऍप्लिकेशन्स में देखने को मिलते है, जैसे कि Paytm, Google Pay, PhonePe इसका एक अच्छा उदाहरण है। 2D बारकोड डाटा स्टोरज क्षमता 1D बारकोड की तुलना में अधिक होती है।
इस बारकोड की अच्छी बात यह है कि अगर यह बारकोड थोड़ा कट-फट जाता है या इसका कुछ भाग नष्ट हो जाता है तो भी इसे स्कैन किया जा सकता है। QR Code एक वर्गाकार आकृति होती है। 2D barcode में text information के अलावा अन्य कई रूप में भी जानकारी व सूचनाएं शामिल की जा सकती है, जैसे कि file, image, video या web address आदि।
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बारकोड क्यों उपयोगी है?
अब कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि किसी जानकारी को शेयर करने के लिए बारकोड की क्या आवश्यकता है। इसकी जगह बारकोड में दी गई जानकारी को सीधा किसी प्रॉडक्ट पर लिख सकते है, ताकि सामने वाला व्यक्ति उसे सीधा पढ़ सके। तो हम आपको बता दे कि बारकोड का इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा कारण प्रोडक्ट की ट्रैकिंग को आसान बनाना है। इससे व्यापार के डाटा को स्टोर करना और उस पर नजर रखना आसान हो जाता है। साथ ही समय और श्रम की भी बचत होती है और गलती होने की सम्भावना भी बहुत कम हो जाती है।
समय के साथ प्रोडक्ट के मूल्यों व अन्य चीजों में भी बदलाव होता रहता है। यदि बाद में ऐसा कोई बदलाव होता है तो कम्प्यूटर के माध्यम से बदली हुई जानकारी को आसानी से अपडेट किया जा सकता है। फिर जब भी बारकोड को स्कैन किया जाता है तो आपके सामने अपडेट किया हुआ डाटा आता है। लेकिन अगर इस जानकारी को बारकोड में न लिखकर सीधा लिख दिया जाये तो बाद में उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।
बारकोड कैसे बनाएं (How to Create Barcode in Hindi)
अगर आप खुद का बारकोड बनाना चाहते है तो आप बिल्कुल फ्री में अपना बारकोड जनरेट कर सकते है। इन्टरनेट पर ऐसी कई सारी वेबसाइट और ऍप्लिकेशन्स उपलब्ध है जो आपको फ्री में इस प्रकार की सुविधा प्रदान करते है। आप नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा। जिनकी सहायता से आप आसानी से बारकोड बना सकते है।
- सबसे पहले बारकोड बनाने की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
- फिर आपकी स्क्रीन पर एक Interface Open हो जाएगा और यहाँ पर Online Barcode Generator के ऑप्शन के नीचे आपके सामने बहुत सारे बारकोड बनाने के ऑप्शन आते है। जैसे कि 2D Codes, Linear Codes, Postal Codes, Banking And Payment आदि। तो आप इनमे से जिस तरह का बारकोड बनाना चाहते है उस बारकोड का टाइप सेलेक्ट करे।
- फिर आपको जिस काम के लिए बारकोड बनाना है उसे सेलेक्ट कर ले।
- अब आपका बारकोड बन चूका है तो बस Download वाले ऑप्शन पर क्लिक करके अपना बारकोड डाउनलोड कर लें।
अब क्योंकि आप जान चुके है बारकोड कैसे बनाया जाता है।आइये अब हम बारकोड के उपयोग के बारे में जानते है।
बारकोड के उपयोग क्या है (Uses of Barcode in Hindi)
बिजनेस चाहे छोटा हो या बड़ा हर प्रकार के बिजनेस में बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है। बारकोड के कुछ ऐसे ही उपयोग के बारे में नीचे बताया गया है।
- Grocery व अन्य प्रकार की पैक्ड वस्तुओं पर बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- Wi–Fi के लिए भी आप बारकोड का इस्तेमाल कर सकते है।
- पैक की हुई दवाइयों पर भी बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- डिजिटल पेमेन्ट करने के लिए भी बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- कम्पनी की संपत्ति को ट्रैक करने के लिए।
- बिजनेस में Stocks Level के बारे में जानने के लिए।
- पोस्ट ऑफिस में अपना पार्सल Track करने के लिए भी बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- बैंक की पासबुक पर भी इसे ट्रैक करने के लिए भी बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- ड्राइविंग लाइसेंस, गिफ्ट कार्ड, कूपन कार्ड, डिस्काउंट कार्ड आदि को स्कैन करने के लिए भी बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- कई जगहों जैसे कॉलेज, होटल, हॉस्पिटल आदि में Check In या Check Out करने के लिए भी बारकोड का इस्तेमाल किया जाता है।
आइये अब हम इस बारकोड का उपयोग करने से होने वाले फायदों के बारे में जानते है।
बारकोड के फायदे क्या है (Advantage of Barcode in Hindi)
बारकोड का इस्तेमाल करने से व्यवसाय में होने वाले फायदे निम्नलिखित है।
- बारकोड के माध्यम से किसी भी वस्तु या उत्पाद के बारे में आवश्यक जानकारी को स्टोर किया जा सकता है।
- बारकोड को कम बजट में भी डिजाइन और प्रिंट किया जा सकता है।
- बारकोड के द्वारा बिजनेस में उपलब्ध सभी स्टॉक को ट्रैक कर उसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
- बस एक स्कैन करके ही जानकारी का पता लगाया जा सकता है, इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
- बिलिंग के समय, इनवॉइस बनाते समय या कम्प्यूटर में मेनुअली डेटा इनपुट करते समय त्रुटियाँ होने की सम्भावना रहती है लेकिन बारकोड के उपयोग से इस त्रुटियों के होने की सम्भावना को न के बराबर किया जा सकता है।
- बारकोड का इस्तेमाल कर व्यापार में उत्पादन क्षमता और कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
- बारकोड का उपयोग करना और उसे स्कैन करना बेहद ही आसान है। कर्मचारियों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षित करने में लगने वाले श्रम और समय की भी बचत होती है।
बारकोड के नुकसान क्या है (Disadvantage of Barcode in Hindi)
बारकोड का इस्तेमाल करने से व्यवसाय में होने वाले नुकसान निम्नलिखित है।
- बारकोड के कटने–फटने पर इसे स्कैन नहीं किया जा सकता।
- बारकोड को स्कैन करने के लिए बारकोड स्कैनर की आवश्यकता होती है इसका मूल्य ज्यादा हो सकता है।
- यदि आप किसी किसी उत्पाद पर गलत बारकोड प्रिंट कर देते है तो बाद में उस बारकोड में आप कोई बदलाव नहीं कर सकते है।
विभिन्न देशों के बारकोड क्या है?
सभी देश के अलग-अलग बारकोड होते है। इन बारकोड की सहायता से आप आसानी से यह जान सकते है कोई प्रोडक्ट किस देश में बनकर तैयार हुआ है। यह निम्नलिखित है।
- भारत – 890
- अमेरिका और कनाडा – 00-13
- चीन – 690-692
- ऑस्ट्रेलिया – 93
- फ्रांस – 30-37
- जर्मनी – 40-44
- जापान – 45-49
- रूस – 46
- श्रीलंका – 479
- यूनाइटेड किंगडम – 50
- सिंगापूर- 888
- स्विट्जरलैंड – 76
- ब्राजील – 789
- स्वीडन – 73
- हांगकांग – 489
- नॉर्वे – 70
- ताइवान – 471
- फिलीपींस – 480
- जॉर्जिया – 486
Barcode के बारे में अन्तिम राय
तो दोस्तों अब आपको समझ आ गया होगा कि Barcode kya hai और इनका क्या उपयोग होता है। आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताए और यदि आपके मन में बारकोड से जुड़ा कोई सवाल हो तो उसे भी कमेन्ट करके पूछ सकते है।
हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हम आपके सभी सवालों का जवाब दे पाए। ऐसी ही नई-नई रोचक जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग FlyHindi को फॉलो करे और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करना न भूले।
FQA: Barcode से जुड़े सवाल-जवाब
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बारकोड में कौनसी भाषा का उपयोग किया जाता है?
बारकोड में बाइनरी भाषा (Binary Language) का उपयोग किया जाता है।
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बारकोड का उपयोग किस-किस काम में किया जाता है?
बारकोड का उपयोग खुदरा विक्रेता, निर्माता, वितरक और ब्लड बैंक जैसे संगठन माल को ट्रैक करने और उनके स्टॉक पर नजर रखने के लिए बारकोडिंग का उपयोग करते है।
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भारत के लिए उपयोग किया जाने वाला बारकोड क्या है?
बारकोड में उपयोग किया जाने वाला भारत देश का कंट्री कोड 890 है।
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बारकोड कहाँ प्रिंट होता है?
यदि आप कोई उत्पाद लेते है तो यह हमेशा उस उत्पाद के पीछे की ओर प्रिंट होता है जबकि अगर आप किसी मॉल या शोरूम से खरीदारी करते है तो आप बिल में भी आगे की ओर बारकोड देख सकते है।